Edited By Seema Sharma,Updated: 20 Sep, 2020 12:08 PM
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य ठाकरे और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। दरअसल इन तीनों पर चुनावी हलफनामे में संपत्ति और देनदारी की गलत या अधूरी जानकारी देने का आरोप है। चुनाव आयोग ने इसके खिलाफ...
नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य ठाकरे और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। दरअसल इन तीनों पर चुनावी हलफनामे में संपत्ति और देनदारी की गलत या अधूरी जानकारी देने का आरोप है। चुनाव आयोग ने इसके खिलाफ शिकायतों की जांच CBDT को सौंपी है। मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ दल शिवसेना और उसकी सहयोगी पार्टी NCP के इन नेताओं के चुनावी हलफनामे में काफी असंगतियों के आरोप हैं। नेताओं ने अपने हलफनामे में अपनी संपत्ति और देनदारी गलत और अधूरी जानकारी दी है, जिसके चलते इन तीनों नेताओं को जांच का सामना करना पड़ सकता है।
सूत्रों के मुताबिक सुप्रिया सुले, उद्धव और आदित्य ठाकरे के अलावा गुजरात के विधायक नाथाभाई ए पटेल के खिलाफ शिकायतों को चुनावी पैनल की प्रशासनिक समीक्षा पर आधारित जांच के लिए भेजा गया है। वहीं उद्धव और आदित्य ठाकरे का हलफनामा दाखिल करने वाले शिवसेना नेता ने इसे रूटीन मूव बताया है। वहीं शिकायतकर्ताओं ने अपने दावे के समर्थन में कुछ सामग्री का हवाला दिया है जिससे पता चलता है कि इन नेताओं के हलफनामे में लिखी गई डीटेल सही नहीं है।
चुनाव आयोग को अब CBDT के अपडेट का इंतजार है। अगर इन नेताओं पर लगाए गए आरोप सही साबित हुए तो रिप्रजेटेंशन ऑफ पीपल ऐक्ट की धारा-125A के तहत CBDT केस दर्ज कर सकता है और इस सेक्शन के तहत अधिकतम 6 महीने की जेल, जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है।