Edited By vasudha,Updated: 20 Jul, 2019 02:17 PM
उत्तराखंड के नैनीताल में जिलाधिकारी की पत्नी ने सादगी की मिसाल पेश की है। अपने बेटे के ईलाज के लिए उन्होंने कोई बड़ा अस्पताल नहीं बल्कि सरकारी अस्पताल को चुना। यही नहीं उन्होंने आम लोगों की तरह ही अपनी पर्ची के लिए लाईन में खड़े होकर इंतजार किया....
नेशनल डेस्क: उत्तराखंड के नैनीताल में जिलाधिकारी की पत्नी ने सादगी की मिसाल पेश की है। अपने बेटे के ईलाज के लिए उन्होंने कोई बड़ा अस्पताल नहीं बल्कि सरकारी अस्पताल को चुना। यही नहीं उन्होंने आम लोगों की तरह ही अपनी पर्ची के लिए लाईन में खड़े होकर इंतजार किया।
दरअसल जिलाधिकारी सविन बंसल की धर्मपत्नी सुरभि बंसल शुक्रवार को अपने बच्चे का उपचार करवाने के लिए अस्पताल पहुंची। इस दौरान उन्होंने यह पता भी नहीं लगने दिया कि वे कौन हैं। उन्होंने करीब आधा घंटा लाइन में खड़े रहकर पहले पर्ची कटवाई और फिर डॉक्टर से इलाज करवाया।
सुरभि बंसल की पहचान तब उजागर हुई जब अस्पताल के बाहर जिलाधिकारी की गाड़ी उनको लेने पहुंची। पहले तो वहां मौजूद लोग कुछ समझ नहीं पाए बाद में पता चला कि बच्चे के साथ लाईन में खड़ी महिला कोई आम नहीं थी बल्कि जिलाधिकारी सविन बंसल की पत्नी है। कुछ ही देर में यह बात पूरे शहर में तेजी से फैली और उनकी सादगी की लोग खूब सराहना करने लगे।