Edited By Yaspal,Updated: 30 Jun, 2019 07:11 PM
विपक्षी द्रमुक ने केंद्र के ‘एक देश एक राशन कार्ड'' प्रस्ताव की आलोचना करते हुए रविवार को कहा कि यह संघवाद के खिलाफ है । भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड'' व्यवस्था शुरू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को...
चेन्नईः विपक्षी द्रमुक ने केंद्र के ‘एक देश एक राशन कार्ड' प्रस्ताव की आलोचना करते हुए रविवार को कहा कि यह संघवाद के खिलाफ है । भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' व्यवस्था शुरू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 30 जून, 2020 तक एक साल की समयसीमा दी है। इसके तहत लाभार्थी लोग देश के किसी भी हिस्से में राशन की दुकानों से सब्सिडी वाले खाद्यान्न खरीद सकते हैं।
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने एक बयान में कहा, ‘‘जन वितरण राज्य सरकार का मौलिक अधिकार है। केंद्रीय खाद्य मंत्री उन नतीजों को नहीं समझते हैं जो इस तरह के अधिकार के उल्लंघन होने पर होंगे।''
केंद्र से इस योजना को छोड़ देने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह समझा जाना चाहिए कि केंद्र इस तरह की पहल को लागू कर अपना दबदबा स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।'' उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार संघवाद को नष्ट करने के मकसद से ऐसी चीजें कर रही है।