Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Oct, 2017 02:31 PM
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015-16 के दौरान 32 क्षेत्रीय दलों की कुल कमाई 221.48 करोड़ रुपये हुई, जिसमें से 110 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए गए। इनमें से सर्वाधिक आमदनी द्रमुक की हुई। रिपोर्ट के अनुसार 2015-16...
नेशनल डेस्क: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015-16 के दौरान 32 क्षेत्रीय दलों की कुल कमाई 221.48 करोड़ रुपये हुई, जिसमें से 110 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए गए। इनमें से सर्वाधिक आमदनी द्रमुक की हुई। रिपोर्ट के अनुसार 2015-16 के दौरान इन क्षेत्रीय दलों ने कुल कमाई में से 111.48 करोड़ रुपये खर्च किए और 110 करोड़ रुपये (49.67 फीसदी कुल कमाई का) को खर्च नहीं की गई कमाई के रूप में घोषित किया।
रिपोर्ट के अनुसार डीएमके को इस दौरान सबसे अधिक 77.63 करोड़ रुपए की आमदनी हुई जो सभी क्षेत्रीय पार्टियों में सबसे अधिक है। इसके बाद दूसरा नंबर एआईएडीएमके का है जिसकी कुल आय 54.93 करोड़ रही और तीसरे नंबर पर टीडीपी है जिसे कुल 15.97 करोड़ रुपए की आमदनी हुई। 2015-16 में जिन 3 क्षेत्रीय पार्टियों ने सबसे अधिक खर्च किया है वो जेडीयू, टीडीपी और आम आदमी पार्टी हैं। जेडीयू ने 23.46 करोड़, टीडीपी ने 13.10 करोड़ और आप ने 11.09 करोड़ रुपए खर्च किए। 32 में से 14 ऐसी भी पार्टियां हैं जिन्होंने अपनी कुल आय से भी अधिक खर्च किया है।
झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक, जेडीयू और आरएलडी तीन ऐसी पार्टियां हैं जिन्होंने अपनी आय से 200 फीसदी तक अधिक खर्च किया है। दक्षिण की 3 ऐसी पार्टियां भी हैं जिन्होंने अपनी कुल आय से कम खर्च किया है। तमिलनाडु की दोनों प्रमुख पार्टियां डीएमके और एआईडीएमके और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की कुल आय में 80 फीसदी से अधिक खर्च नहीं किया गया। रिपोर्ट के अनुसार 2015-16 में डीएमके की आमदनी 32 सभी क्षेत्रीय पार्टियों की कुल इनकम में से 35.05 फीसदी थी।