Edited By Pardeep,Updated: 29 Jul, 2019 05:53 AM
सूचना अधिकार कानून में केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधन को आरटीआई की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए नवगठित राजनीतिक पार्टी स्वराज इंडिया ने राष्ट्रपति से बिल को स्वीकृति न देने की अपील की है। पार्टी ने कहा कि लोकसभा में बिल पारित करवाने के बाद...
नई दिल्ली: सूचना अधिकार कानून में केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधन को आरटीआई की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए नवगठित राजनीतिक पार्टी स्वराज इंडिया ने राष्ट्रपति से बिल को स्वीकृति न देने की अपील की है। पार्टी ने कहा कि लोकसभा में बिल पारित करवाने के बाद शुक्रवार को राज्यसभा में भी बीजेडी, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन से मोदी सरकार ने संख्याबल के आधार पर आरटीआई कानून को कमजोर करने का अपना जनविरोधी उद्देश्य पूरा कर लिया।
स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने उन 3 क्षेत्रीय दलों को भी घेरा है जो अन्य मौकों पर तो संघीय ढांचे के पक्ष में आवाज उठाते हैं, लेकिन अपना राजनीतिक दोगलापन दर्शाते हुए सदन में इस बिल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि 2005 में बने सूचना अधिकार कानून ने हर नागरिक को स्थानीय प्रशासन से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक से सवाल करने और तय समय सीमा में जवाब लेने का संवैधानिक अधिकार दिया।