मां को करियर और बच्चे के बीच, किसी एक को चुनने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता, हाईकोर्ट ने सुनाया ये अहम फैसला

Edited By Anu Malhotra,Updated: 14 Jul, 2022 10:00 AM

do not force any one to mom to choose between kid career

परिवार में किसी मां को करियर और बच्चे के बीच, किसी एक को चुनने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। दरअसल, एक केस की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह अहम फैसला सुनाया।

मुंबई: परिवार में किसी मां को करियर और बच्चे के बीच, किसी एक को चुनने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। दरअसल, एक केस की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह अहम फैसला सुनाया।  

हाईकोर्ट ने फैमली कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए एक महिला को अपने साथ बच्चे को पोलैंड ले जाने की इजाजत दे दी। दरअसल, ये महिला पुणे की एक कंपनी में काम करती है और कंपनी ने उन्हें पोलैंड में सीनियर पोजिशन ऑफर किया है जिस पर पति ने अपनी बेटी के विदेश जाने पर आपत्ति जताई और उसे करियर और बच्चे के बीच किसी एक को चुनने के लिए कहा।

बता दें कि मां एक कंपनी में इंजीनियर हैं और वो अपनी 9 साल की बेटी के साथ साल 2015 से अलग रह रही हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि वो अपनी बच्ची का अच्छे से देखभाल कर रही हैं, ऐसे में ये उसके पढ़ाई के लिए जरूरी है। हाईकोर्ट की जस्टिस भारती डांगरे की सिंगल बेंच ने 8 जुलाई के अपने आदेश में महिला को नाबालिग बेटी के साथ पोलैंड जाने की अनुमति दे दी। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि उन्हें पिता से भी मिलने के लिए नहीं रोका जाएगा। अदालत ने महिला को छुट्टियों के दौरान अपनी बेटी के साथ भारत आने का निर्देश दिया, ताकि पिता अपनी बेटी से मिल सके। 
 
 

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