Edited By Mahima,Updated: 17 Sep, 2024 09:58 AM
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुई घटना ने पूरे पश्चिम बंगाल में हड़कंप मचा दिया था। अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ हुए अत्याचार के बाद आंदोलनरत डॉक्टरों का प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा था।
नेशनल डेस्क: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुई घटना ने पूरे पश्चिम बंगाल में हड़कंप मचा दिया था। अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ हुए अत्याचार के बाद आंदोलनरत डॉक्टरों का प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा था। इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आखिरकार आंदोलनकारी डॉक्टरों की प्रमुख मांगों को मान लिया है और बड़ी घोषणा की है कि पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल मंगलवार शाम चार बजे तक अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
42 आंदोलनकारी डॉक्टरों और मुख्य सचिव मनोज पंत
ममता बनर्जी ने कहा कि पुलिस महकमे में व्यापक बदलाव किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में लिए गए फैसलों पर 42 आंदोलनकारी डॉक्टरों और मुख्य सचिव मनोज पंत ने हस्ताक्षर किए हैं। ममता ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ की गई मांगों को मानते हुए, डीएबी और डीएचएस को उनके पदों से हटा दिया गया है। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने सरकारी अस्पतालों में शौचालयों की व्यवस्था सुधारने और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए 100 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है। उन्होंने पुष्टि की कि डॉक्टरों की पांच प्रमुख मांगों में से तीन को मान लिया गया है। इसके साथ ही, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक नई कमेटी का गठन किया गया है, जो अन्य मुद्दों को देखेगी।
डॉक्टरों के साथ हुई बैठक
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को डॉक्टरों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बार लाइव स्ट्रीमिंग की शर्त को हटा दिया गया था, और डॉक्टर शाम 6:20 बजे सीएम आवास पहुंचे। बैठक लगभग 6:50 बजे शुरू हुई और रात 9 बजे तक चली। बैठक की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में लगभग ढाई घंटे लगे, और डॉक्टर सीएम आवास से रात साढ़े 11 बजे निकले। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि कुछ मांगें मानी गई हैं, जबकि कुछ पर अभी चर्चा चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले पर सुनवाई होगी। यह सुनवाई खासतौर पर महत्वपूर्ण है, क्योंकि रेजिडेंट डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद हड़ताल जारी रखी हुई है। 10 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से कहा था कि वे दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए काम पर लौट आएं।
डॉक्टरों के खिलाफ आरोप
सभी घमासान के बीच, सीनियर डॉक्टरों ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल, डॉ. संदीप घोष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. घोष ने सबूतों से छेड़छाड़ की है और यह आरोप लगाया कि यह सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच सांठगांठ का परिणाम है। कोलकाता में यह घटनाक्रम न केवल राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि यह दर्शाता है कि जब आंदोलन और जन दबाव की बात आती है, तो राजनीतिक नेतृत्व भी झुक सकता है। डॉक्टरों की यह जीत उनके संघर्ष की पुष्टि करती है और इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य विभाग में अपेक्षित सुधार भी होगा।