IMA का PM मोदी को खत, कहा-कोरोना से जान गंवाने वाले डॉक्टरों को सैनिकों की तरह माना जाएं शहीद

Edited By Seema Sharma,Updated: 31 Aug, 2020 04:34 PM

doctors who lost their lives in battle with corona got martyr status ima

भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि Covid-19 के कारण जान गंवाने वाले सभी चिकित्सकों को सैन्य बलों के शहीदों के समतुल्य माना जाए और उन पर आश्रित परिजनों को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां दी जाएं।...

नेशनल डेस्कः भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि Covid-19 के कारण जान गंवाने वाले सभी चिकित्सकों को सैन्य बलों के शहीदों के समतुल्य माना जाए और उन पर आश्रित परिजनों को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां दी जाएं। देश में चिकित्सकों के सबसे बड़े संगठन ने पत्र में कहा कि वैश्विक महामारी से लड़ाई के दौरान जान गंवाने वाले सभी चिकित्सकों के परिवारों के लिए ‘‘समावेशी राष्ट्रीय क्षतिपूर्ति' ही उनके बलिदान के प्रति न्याय कर सकेगी।

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IMA ने सरकारी डेटा के हवाले से कहा कि 87,000 स्वास्थ्यकर्मी Covid-19 से पीड़ित हुए तथा उनमें से 573 की मौत हो गई। हालांकि केंद्र ने इस संबंध में आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए हैं। IMA ने 30 अगस्त को लिखे इस पत्र में कहा कि इन आंकड़ों ने देशभर में चिंता बढ़ा दी है। उसने कहा कि कुल 2,006 चिकित्सक कोरोना वायरस से संक्रमित हुए और उनमें से 307 की मौत हो गई। इनमें से 188 चिकित्सक जनरल प्रैक्टिशनर थे जो सबसे पहले लोगों के संपर्क में आते हैं। इसमें कहा गया कि चिकित्सकों पर वायरस का भार बहुत अधिक है और एक समुदाय के रूप में मामला मृत्यु दर (सीएफआर) भी अधिक है।

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IMA को यह कहने को मजबूर होना पड़ा कि महामारी के दौरान वे अपने घर पर सुरक्षित रह सकते थे लेकिन उन्होंने देश की सेवा करने का निर्णय लिया। आईएमए ने कहा कि इस महामारी से लड़ाई में जिन चिकित्सकों ने जान बलिदान की है उन्हें भारतीय सैन्य बलों के समतुल्य मानते हुए उचित स्थान दिया जाए। उनके जीवनसाथी अथवा उन पर निर्भर परिजनों को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दी जाए।

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