Edited By shukdev,Updated: 31 Aug, 2018 09:22 PM
माफ़ कीजिये आपने यह तो नहीं समझा कि कहीं प्रधानमंत्री मोदी अपनी ही सरकार की आलोचना कर रहे हैं। आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार की भ्रष्ट राजनीति के चलते रुपया कमज़ोर हुआ है। वीडियो की तारीख है 12 जून 2012। उस समय डॉलर की कीमत थी 56 रुपए एक पैसा। जब...
नेशनल डेस्क (मनीष शर्मा): माफ़ कीजिये आपने यह तो नहीं समझा कि कहीं प्रधानमंत्री मोदी अपनी ही सरकार की आलोचना कर रहे हैं। आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार की भ्रष्ट राजनीति के चलते रुपया कमज़ोर हुआ है। वीडियो की तारीख है 12 जून 2012। उस समय डॉलर की कीमत थी 56 रुपए एक पैसा। जब तक प्रधानमंत्री नहीं बने थे नरेंद्र मोदी का आर्थिक ज्ञान हार्वर्ड के विशेषज्ञ के ज्ञान जितना था लेकिन अब उनके ज्ञान को पता नहीं किसकी नज़र लग गई है। आज डॉलर के मुक़ाबले रुपया रिकॉर्ड स्तर पर नीचे पहुंच चुका है।
- रुपया बनाम डॉलर:
- इस समय एक डॉलर की कीमत 71 रूपये 4 पैसे है।
- इस साल की शुरुआत से रुपया में 10 फीसदी गिरवाट आ चुकी है।
- एशियाई देशों की मुद्राओं के मुक़ाबले रुपया का प्रदर्शन सबसे ख़राब है।
- प्रश्न यह उठता है कि क्या यह चिंता का विषय है। हां, बिल्कुल है। कमज़ोर रुपए के चलते सरकार से लेकर आम आदमी तक की दिक्कतें बढ़ जाएंगी।
जनता की बढ़ेंगी मुश्किलें:
- चालू खाता घाटा बढ़ जाएगा। कमज़ोर रुपए से आयात महंगा हो जाएगा।
- आर्थिक शक्तियों से व्यापार युद्ध के चलते निर्यात की कम संभावनाएं हैं।
- उद्योगों को नुक्सान उठाना पड़ेगा ।
- भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होगी।
- महंगाई में भी इज़ाफ़ा होगा।
- विदेशों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों का खर्चा बढ़ जायेगा।
- विदेशों में घूमना महंगा होगा।
मोदी जी आप सही कह रहे हैं कि गिरते रुपए के कारण देश को चिंता होना स्वाभाविक है। जिस समय आप मनमोहन सरकार पर हमला कर रहे थे ऐसा लगा आपके पास रुपए को मजबूत करने के लिए कोई मास्टर प्लान है? आपकी सरकार ने रुपए की कीमत को गिरने से रोकने के लिए कुछ ठोस कदम उठाया हो… ऐसा दिखता नहीं है। हां एक और बात, मनमोहन सिंह सरकार के समय रुपए में अधिकतम गिरावट 28 अगस्त 2013 में आई थी उस समय एक डॉलर की कीमत 68 रुपए 36 पैसे तक पहुंच गई थी। लेकिन मनमोहन सिंह 9 महीने में ही डॉलर की कीमत 61 रुपए तक ले आये थे। आपके पास भी नौ महीने बचे हैं। इस बात पर ज़रूर गौर करिएगा।