Edited By Seema Sharma,Updated: 09 Jul, 2021 04:23 PM
मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्ण धाम चित्तौड़गढ़ जिले के सांवलिया सेठ जी में भक्तों ने खास रिकॉर्ड बनाया है। कोरोना काल के बाद मंदिर के जब द्वार खोले गए तो भंडार में 3 करोड़ से ज्यादा की राशि का चढ़ावा निकला है। इसमें खास बात यह है कि 3 महीने के लॉकडाउन के बाद...
नेशनल डेस्क: मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्ण धाम चित्तौड़गढ़ जिले के सांवलिया सेठ जी में भक्तों ने खास रिकॉर्ड बनाया है। कोरोना काल के बाद मंदिर के जब द्वार खोले गए तो भंडार में 3 करोड़ से ज्यादा की राशि का चढ़ावा निकला है। इसमें खास बात यह है कि 3 महीने के लॉकडाउन के बाद सिर्फ 10 दिन में ही यह चढ़ावा निकला है। सांवलिया जी में 10 अप्रैल को चतुर्दशी पर भंडार खोला गया था लेकिन कोरोना के कारण इसे बंद कर दिया गया जिसके बाद 28 जून को इसे फिर खोला गया। 28 जून को मंदिर खुलने के बाद मात्र 10 दिन में ही भंडारे से 3 करोड़ 12 लाख से अधिक का चढ़ावा निकला। इसके अलावा 33 ग्राम सोना और 1370 ग्राम चांदी के आभूषण भी चढ़ावे में से निकले।
हर महीने अमावस्या से एक दिन पहले भंडारा खोला जाता है और मंदिर परिसर में इसकी गणना प्रारम्भ होती है। आम भक्तों इस भंडारे को नहीं देख सकते लेकिन हर महीने यह सभी के लिए आकर्षण और जिज्ञासा का केंद्र बना रहता है। बता दें कि इसी स्थान पर सांवलिया सेठ की 3 प्रतिमाओं का उद्गम हुआ था। सन 1840 में तत्कालीन मेवाड़ राज्य में उदयपुर से चित्तौड़ जाने के लिए कच्ची सड़क बनाई जा रही थी लेकिन रास्ते में लगा बबूल का पेड़ बाधा बन रहा था। जब पेड़ को काटकर इसे खोदा गया तो उसमें से भगवान कृष्ण की सांवल स्वरूप में 3 प्रतिमाएं निकली थीं।
1978 में विशाल जनसमूह की उपस्थिति में मंदिर पर ध्वजारोहण किया गया था। यहां 36 फुट ऊंचा एक विशाल शिखर बनाया गया है जिस पर फरवरी 2011 में स्वर्णजड़ित कलश व ध्वजारोहण किया गया। हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को सांवलियाजी का दानपात्र (भंडार) खोला जाता है और अगले दिन अमावस्या की शाम को महाप्रसाद का वितरण किया जाता है।