Edited By Hitesh,Updated: 10 May, 2021 01:07 PM
कोरोना वायरस की डबल म्यूटेंट स्ट्रेन तीन दिनों के अंदर मरीज के फेफड़ों में चिपकना शुरू हो जाते हैं इसके अलावा मरीज का वजन भी कम होने लगता है। वैज्ञानिकों ने डबल म्यूटेशन के रहस्य से पर्दा उठाते हुए खुलासा किया है कि देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों...
नेशनल डेस्क: कोरोना की डबल म्यूटेंट स्ट्रेन को इसलिए खतरनाक कहा जा रहा है क्योंकि यह वायरस अब तीन दिनों के अंदर-अंदर मरीज के फेफड़ों में चिपकना शुरू हो जाता है, इसके अलावा मरीज का वजन भी कम होने लगता है। वैज्ञानिकों ने डबल म्यूटेशन के रहस्य से पर्दा उठाते हुए खुलासा किया है कि देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की हालत इसलिए गंभीर हो रही है क्योंकि जांच रिपोर्ट आने से भी पहले उसके कम-से-कम एक चौथाई फेफड़े वायरस की चपेट में आ जाते हैं।
पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) के वैज्ञानिकों ने चूहों पर अध्ययन किया जिसमें पता लगा कि कोरोना संक्रमण होने के बाद मरीज तीसरे दिन से ही गंभीर रुप से बीमार हो जाता है। चूहों को डबल म्यूटेशन देने पर पता चला कि वे तीसरे दिन ही छटपटाने लग गए, यानी डबल म्यूटेंट स्ट्रेन वाला कोरोना जानलेवा स्थिति की ओर ही इशारा करता है।
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ . प्रज्ञा यादव ने बताया है कि बी .1.617 नामक स्ट्रेन में वायरस के दो वेरिएंट्स की पहचान हुई है। इस स्ट्रेन में वायरस के जो स्पाइक्स हैं उनमें आठ अमीनो एसिड परिवर्तन देखने को मिले हैं। वैज्ञानिक कोशिश कर रहे हैं यह पता करने की कि यह वायरस आखिर आया कहां से है, लेकिन अभी तक यह रहस्य बना हुआ है। भारत समेत 21 देशों में अब तक डबल म्यूटेंट स्ट्रेन वाला कोरोना वायरस मिल चुका है। यह अध्ययन मेडिकल जर्नल बायोआरएक्सआईवी में प्रकाशित हुआ है।