डोभाल का एक्शन प्लान, एक वीडियो कॉल और इस तरह चीन ने पीछे खींचे कदम

Edited By Seema Sharma,Updated: 07 Jul, 2020 10:13 AM

doval action plan this is how china pulled back

चीन-भारत के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले दो महीने से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को दूर करने के लिए कोर कमांडरों की पिछले हफ्ते हुई बातचीत के बाद दोनों देशों ने सहमति के अनुसार अपने सैनिकों को पीछे हटाना शुरू कर दिया है। गलवान घाटी से चीनी सैनिकों को पीछे...

नेशनल डेस्कः चीन-भारत के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले दो महीने से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को दूर करने के लिए कोर कमांडरों की पिछले हफ्ते हुई बातचीत के बाद दोनों देशों ने सहमति के अनुसार अपने सैनिकों को पीछे हटाना शुरू कर दिया है। गलवान घाटी से चीनी सैनिकों को पीछे धकेलने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने सबसे मजबूत कूटनीतिक हथियार का प्रयोग किया है। केंद्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को मोर्चे पर लगा दिया था और उन्होंने रविवार को चीनी समकक्ष वांग यी से करीब दो घंटे तक वीडियो कांफ्रैंसिंग के जरिए बैठक की थी।

 

लद्दाख सीमा पर दोनों पक्षों के सैनिकों के हटने के पीछे की वजह यही बातचीत है। दोनों के बीच बातचीत में भविष्य में गलवान घाटी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए शांति बनाए रखने पर बात हुई, ताकि आगे इस तरह की विकट स्थिति पैदा न हो। बातचीत के दौरान दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत दिखे कि जल्दी से जल्दी से विवादित क्षेत्र से सेनाएं पीछे हट जाएं और वहां शांति बहाली हो जाए।

 

एक फोन के बाद शुरू हुई रणनीति
चीन और भारत के बीच जनरल स्तर पर वार्ता चल रही थी लेकिन चीनी सैनिक पीछे LAC से पीछे हटने को तैयार नहीं थे। इसके बाद रविवार सुबह करीब 8.45 पर सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को फोन किया। फिर दोनों देशों के राजनयिकों के बीच बातचीत हुई। शाम को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात हुई। दोनों के बीच करीब दो घंटे तक वार्ता हुई। डोभाल ने वांग से भारतीय सेना के LAC पर गश्त को जायड ठहराया और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता सुनिश्चित होगी। इस लंबी बातचीत के बाद सहमति बनी और सेना को पैंगोंग झील पर अपनी गश्ती के अधिकार वापस मिल गए।

 

सोमवार को गलवान घाटी में पैट्रोल प्वाइंट-14 से चीन के सैनिकों को टैंट और अन्य चीजों को हटाते देखा गया है। गलवान के साथ हॉटस्प्रिंग और गोगरा क्षेत्रों में भी चीन के सैनिकों व वाहनों की गतिविधियां देखी गई हैं तथा वे पीछे हट रहे हैं। उधर, चीन ने स्वीकार किया कि भारत से लद्दाख में तनाव घटाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत हुई है और तनाव को घटाने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।

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