Edited By Seema Sharma,Updated: 06 Jul, 2020 11:15 AM
लद्दाख में फिलहाल भारत-चीन सैनिकों के बीच चल रही तनातनी अभी कम नहीं हुई है। चीन की हेकड़ी को देखते हुए अब इस मुद्दे को सुलझाने की जिम्मेदरी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को सौंपी गई है। अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान को अपने प्लानों से मजा...
नेशनल डेस्कः लद्दाख में फिलहाल भारत-चीन सैनिकों के बीच चल रही तनातनी अभी कम नहीं हुई है। चीन की हेकड़ी को देखते हुए अब इस मुद्दे को सुलझाने की जिम्मेदरी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को सौंपी गई है। अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान को अपने प्लानों से मजा चखाने वाले डोभाल ड्रैगन पर क्या रणनीति बनाते हैं और उसे कैसे चुप कराते हैं।
सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार स्पेशल रीप्रिजेंटेटिव (SR) तंत्र से बॉर्डर मुद्दा सुलझाने पर विचार कर रही है। इसमें अजीत डोभाल और चीन में उनके समकक्ष वांग यी के बीच बातचीत होगी। वांग यी इस समय चीन के विदेश मंत्री होने के साथ-साथ स्टेट काउंसलर भी हैं। स्टेट काउंसलर की पॉवर विदेश मंत्री से ज्यादा होती है। डोभाल की वांग यी से सीधी वार्ता से उम्मीद है कि चीनी सेना पीछे हट सकती है।
लद्दाख पर एक्टिव डोभाल
डोभाल लद्दाख की हर स्थिति पर पहले से ही नजर रखे हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लेह सरप्राइज दौरा डोभाल की ही प्लानिंग थी जिसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। बताया जा रहा है कि चीन को कैसे जवाब देना है डोभाल इसकी भी रणनीति बना रहे हैं। डोभाल ने एक नहीं कई बार पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया है। बता दें कि इस समय अमेरिका भी चीन को सबक सिखाने के मूड में है। अमेरिका अपने हजारों सैनिकों को जापान से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक पूरे एशिया में तैनात करने जा रहा है। पूरी दुनिया इस समय जानलेवा महामारी कोरोना वायरस से भी लड़ रही है। अमेरिका शुरू से चीन पर आरोप लगाता आया है कि कोरोना चीन की देन है।