मुद्रास्फीति में आई गिरावट, 9 महीने के निचले स्तर पर मंहगाई

Edited By Yaspal,Updated: 13 Aug, 2018 10:02 PM

downstream fall 9 month low level inflation

सब्जियों और फलों की कीमतों में गिरावट से जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.17 प्रतिशत रह गई, जो इसका पिछले नौ महीने का निचला स्तर है। सरकार द्वारा आज जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

नई दिल्लीः सब्जियों और फलों की कीमतों में गिरावट से जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.17 प्रतिशत रह गई, जो इसका पिछले नौ महीने का निचला स्तर है। सरकार द्वारा आज जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जून महीने की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित (सीपीआई) मुद्रास्फीति भी संशोधित होकर 4.92 प्रतिशत रह  गई है। इससे पहले जारी आंकड़ों में यह पांच प्रतिशत पर थी।

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इससे पहले का निम्न स्तर अक्तूबर, 2017 में 3.58 प्रतिशत रहा था। सीएसओ के आंकड़ों के अनुसार बीते माह सब्जियों की महंगाई घटकर शून्य से 2.19 प्रतिशत नीचे आ गई। जून में यह 7.8 प्रतिशत पर थी। इसी तरह फलों की मुद्रास्फीति घटकर 6.98 प्रतिशत पर आ गई, जो इससे पिछले महीने 10 प्रतिशत से ऊपर थी। आंकड़ों के अनुसार प्रोटीन वाले उत्पादों मसलन मांस, मछली और दूध की मुद्रास्फीति जुलाई में इससे पिछले महीने की तुलना में कम रही।

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हालांकि, ईंधन और लाइट खंड की महंगाई बढक़र 7.96 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने 7.14 प्रतिशत पर थी। मूल्य के आंकड़े चुङ्क्षनदा शहरों से एनएसएसओ के फील्ड परिचालन विभाग द्वारा जुटाए गए। वहीं चुनिंदा गांवों से आंकड़े डाक विभाग ने जुटाए। मूल्य आंकड़े वेब पोर्टलों के जरिये प्राप्त किए जाते हैं और इनका रखरखाव राष्ट्रीय इन्फार्मेटिक्स केंद्र करता है।

आर्थिक मामलों के सचिव एस सी गर्ग ने कहा कि सभी वृहद आर्थिक मानदंड बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सीपीआई मुद्रास्फीति 4.17 प्रतिशत पर आ गई है जो रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के लक्ष्य के काफी करीब है। यह जून में पांच प्रतिशत थी। खाद्य मुद्रास्फीति सिर्फ 1.37 प्रतिशत रह गई है।’’

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इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.17 प्रतिशत पर रह गई है जो केंद्रीय बैंक के चार प्रतिशत के लक्ष्य के करीब है। इससे हमें उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक वित्त वर्ष के बाकी बचे महीनों में नीतिगत मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगा।

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