Dr Death, जिसने लाशों की बदबू छिपाने के लिए पाल रखी थीं मुर्गियां...लगाता था नारियल के पेड़

Edited By Seema Sharma,Updated: 27 Jun, 2020 04:12 PM

dr santosh pal who murdered lady patients

महाराष्ट्र के सतारा में रहने वाला एक सनकी डॉक्टर महिला मरीजों की न सिर्फ हत्या करता था बल्कि अपना गुनाह छुपाने के लिए उसने मुर्गियां पाल रखी थीं कि किसी को भी लाश की बदबू का पता न चले। डॉ संतोष पाल खुद को एमबीबीएम बताता था लेकिन उसके पास...

नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र के सतारा में रहने वाला एक सनकी डॉक्टर महिला मरीजों की न सिर्फ हत्या करता था बल्कि अपना गुनाह छुपाने के लिए उसने मुर्गियां पाल रखी थीं कि किसी को भी लाश की बदबू का पता न चले। डॉ संतोष पाल खुद को एमबीबीएम बताता था लेकिन उसके पास Electrohomeopathy की डिग्री थी। इसके अलावा वो कई बड़े अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटर में काम कर चुका था और सर्जरी के दौरान काम में आने वाले सारे ड्रग्स के बारे में भी उसको अच्छी जानकारी थी। किसी को नहीं पता था कि भोले से दिखने वाले उस चेहरे के पीछे एक घिनौना शख्स छुपा हुआ था। किसी को तब तक उसकी हैवानियत के बारे में पता नहीं चलता अगर एक आंगनबाड़ी वर्कर अचानक लापता नहीं होती। परिवार ने जब गंभीरता से मामले की जांच की तो शक की सुई डॉ. संतोष की तरफ घूमी। पुलिस का शक सही नकला और गुमशुदा वर्कर की लाश संतोष पाल के आंगन में गड़ी मिली। हालांकि यह उसका पहला जुर्म नहीं था। कहा जाता है कि उसने 22 कत्ल किए थे लेकिन साबित सिर्फ छह ही हो पाए।

 

बेसहारा महिलाओं पर रहती थी नजर
संतोष इलाज के लिए आए मरीजों में से ऐसी महिला मरीजों को छांटता था जो बेसहारा होती थीं या फिर सामाजिक तौर पर अकेली होती थी। वह ऐसी महिलाओं को पले यकीन में लेता था और फिर उनको succinylcholine द्रव्य मिला इंजेक्शन देता था। एक तरह का न्यूरो मस्कुलर पैरालिटिक ड्रग है जो मांसपेशियों को निष्क्रिय कर देता है। इस द्रव्य को डॉक्टर एनेस्थीसिया की तरह इस्तेमाल करते हैं लेकिन इसके साथ ही मरीज को वेंटिलेटर पर रखा जाता है ताकि सांस चलती रहे। झोलाछाप डॉक्टर संतोष और उसकी प्रेमिका नर्स इस ड्रग के बारे में जानते थे और इसी तकनीक से महिला मरीजों को मारने का काम करते थे। हालांकि जांच  मे यह बात सामने नहीं आई कि वो महिला मरीजों को क्यों मारता था।

 

ऐसे खुला राज
जून साल 2016 में एक आगनवाड़ी वर्कर लापता हुई तो परिवार वालों ने पुलिस में सिकायत दर्ज करवाई। मामले की जांच करते-करते पुलिस फर्जी डॉक्टर के फार्म हाउस पहुंची। पुलिस वहां से खाली हाथ लौटने ही वाली थी कि तभी खोजी कुत्तों ने आंगन में एक नारियल के पेड़ के नीचे जाकर बौंकना शुरु कर दिया। पुलिस को शक हुआ और  नारियल के पेड़ को जेसीबी मशीन की मदद से हटाया तो वहां गुमशुदा महिला की लाश मिली। इसके बाद हत्यारे डॉक्टर ने अपना सच उगला और पुलिस को बताया कि उसने एक नहीं कई हत्याएं की हैं और सारी की सारी महिलाएं थे।

 

 

इसलिए खोला मुर्गी फार्म
डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि किसी को लाश सड़ने की बदबू न आए इसलिए उसने अपने ही घर पर मुर्गी फार्म खोल रखा था। मुर्गियों की तेज गंध की वजह से सड़ती लाश की गंध चली जाती थी। वह हत्या के बाद जेसीबी बुलाकर फार्म में गड्ढा खुदवाता था और वहां लाश दबाता था। इसके बाद उस जगह वो नारियल का पेड़ लगा देता था। इस सब में उसकी मदद करती थी उसकी प्रेमिका नर्स ज्योति मांद्रे। वाई पुलिस (महाराष्ट्र) ने 11 अगस्त 2016 को संतोष को हिरासत में लिया था। हालांकि इस मामले की जांच तब से ही चल रही है। पुलिस ने इस केस में ऑर्गन रैकेट की भी जांच की लेकिन अभी उसके साथ इसका कोई लिंक सामने नहीं आया है।

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