Edited By Anu Malhotra,Updated: 22 Jun, 2022 11:31 AM
केंद्र ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाया है जिसके बाद वह सुर्खियों में है। लेकिन आपको बता दें कि यहां तक पहुंचना द्रौपदी मुर्मू के लिए रास्ता आसान...
नेशनल डेस्क: केंद्र ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाया है जिसके बाद वह सुर्खियों में है। लेकिन आपको बता दें कि यहां तक पहुंचना द्रौपदी मुर्मू के लिए रास्ता आसान नहीं था उनके जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव आए लेकिन इसके बावजूद वह जनता की सेवा में जुटी रही।
ओडिशा के मयूरभंज जिला स्थित एक आदिवासी गांव में पैदा हुईं 64 साल की मुर्मू की जिंदगी में कई हादसे हुए जिन्हें सह पाना किसी आम महिला के लिए आसान नहीं था। लेकिन द्रौपदी ने इन हादसों का डट कर मुकाबला किया। आपको बता दें कि भरे-पूरे परिवार के बाद वह अब अकेली अपनी एक बेटी के साथ है।
दरअसल, साल 2009 द्रौपदी के जिंदगी का भयावह साल था जब उनके पुत्र की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। अभी वह इस हादसे से उभरी भी नहीं थी कि तीन साल बाद 2012 में सड़क हादसे के कारण उनके दूसरे बेटे की भी मौत हो गई जिदंगी में आए इस तुफान में भी द्रौपदी ने बड़े ही साहस के साथ मुकाबला किया लेकिन प्रकृत्ति को शायद कुछ और ही मंजूर था और इससे पहले हार्ट अटैक के चलते मुर्मू के पति का भी देहांत हो चुका था। इतना सब होने बावजूद वह डटी रही और अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटी अभी द्रौपदी मुर्मू की एक विवाहित पुत्री हैं जो भुवनेश्वर में रहती हैं। वहीं अगर वह चुनाव जीत जातीं है तो वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी।