Edited By Yaspal,Updated: 07 Apr, 2019 05:33 AM
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख जी. सतीश रेड्डी ने शनिवार को पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के मिशन शक्ति पर दिए गए बयान पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मिशन...
नेशनल डेस्कः रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख जी. सतीश रेड्डी ने शनिवार को पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के मिशन शक्ति पर दिए गए बयान पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति की प्रकृति ऐसी है कि इसको किसी भी स्थिति में गोपनीय नहीं रखा जा सकता है। रेड्डी ने कहा कि उपग्रह को दुनियाभर के कई स्टेशनों के जरिए ट्रैक किया जाता है।
इस दौरान उनसे पूछा गया कि इस तरह के परीक्षण को करने के बाद सार्वजनिक करने की क्या जरूरत थी, क्या चुनावी मौसम में इसके बारे में बताने से पहले सभी संबंधित संस्थानों से मंजूरी ली गई थी। इस पर रेड्डी ने कहा कि टेस्ट के बाद इस तरह के मिशन को तकनीकी रूप से गुप्त नहीं रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस मिशन के लिए सभी जरूरी मंजूरियां ली गई थीं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन ने भी इस तरह के परीक्षणों को करने के बाद दुनिया को इसकी जानकारी दी थी।
डीआरडीओ प्रमुख रेड्डी ने कहा कि भारत ने मिशन शक्ति के लिए बहुत निम्न कक्षा चुनी ताकि वैश्विक अंतरिक्ष संपत्तियों को मलबे से खतरा न हो। उन्होंने कह कि एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट से अंतरिक्ष में जो मलबा तैयार हुआ है, वह 45 दिनों के अंदर पूरी तरह नष्ट हो जाएगा।
गौरतलब है कि हाल ही में मिशन शक्ति को लेकर पी. चिदंबरम ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि अंतरिक्ष में उपग्रह को मार गिराने की क्षमता हमारे पास कई सालों से रही है। लेकिन समय सूझबूझ वाली सरकार ने देश की इस क्षमता को गोपनीय रखा था। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार नासमझ सरकार ही देश की रक्षा क्षमता का खुलासा करती है।