कोरोना से जंग को DRDO ने कसी कमर, मास्क, सैनिटाइजर के बाद अब बनाया 'बायो सूट'

Edited By shukdev,Updated: 03 Apr, 2020 12:25 AM

drdo develops bio suite for medical professionals treating corona

भारत के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संस्थान डीआरडीओ ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे डॉक्टरों सहित चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा के लिए ‘बायो सूट'' विकसित किया है। अधिकारियों ने बताया कि रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की विभिन्न...

नई दिल्ली: भारत के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संस्थान डीआरडीओ ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे डॉक्टरों सहित चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा के लिए ‘बायो सूट' विकसित किया है। अधिकारियों ने बताया कि रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की विभिन्न प्रयोगशालाओं में कार्यरत वैज्ञानिकों ने मिलकर ‘बायो सूट' विकसित किया है जो चिकित्सा पेशेवरों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) की तरह काम करेगा। उन्होंने बताया कि पूरे देश में पीपीई की बढ़ती मांग को देखते हुए प्रतिदिन कम से कम 15,000 बायो सूट का उत्पादन करने के लिए कदम उठाया जाएगा। 

PunjabKesari
भारत कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज करने वाले डॉक्टरों और पैरामेडिक कर्मियों के लिए पीपीई की कमी का सामना कर रहा है। सरकार वैश्विक बाजार से पीपीई, वेंटिलेटर और एन-95 मास्क खरीदने पर विचार कर रही है। रक्षा मंत्रालय ने बयान में बताया,‘डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं में कार्यरत वैज्ञानिकों ने वस्त्र, परत और नैनोटेक्नोलॉजी में अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर पीपीई विकसित किया है जिसमें विशेष परत के साथ खास तरह के रेशों का इस्तेमाल किया गया है।' 

PunjabKesari
मंत्रालय ने बताया,‘ सूट को वस्त्र उद्योग की मदद से विभिन्न कसौटियों पर परखने के बाद तैयार किया गया है और इससे साथ ही कृत्रिम खून से रक्षा का परीक्षण भी किया गया है।' बयान में कहा गया कि डीआरडीओ बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन शुरू करने की कोशिश कर रहा है ताकि कोरोना वायरस के संक्रमितों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और पैरामेडिक कर्मियों की पीपीई के लिए भारी मांग के अनुपात में इसकी आपूर्ति की जा सके। मंत्रालय ने बताया कि मौजूदा समय में एक दिन में सात हजार बायो सूट बनाने की क्षमता है। 

अधिकारी ने बताया कि डीआरडीओ और अन्य उद्योगों की साझेदारी में बायो सूट बनाने का काम ‘ सीम सीलिंग टेप' (जो आद्र कण को अंदर आने से रोकने के लिए लगाया जाता है) की अनुपलब्धता की वजह से बाधित हुआ। इसके बाद डीआरडीओ ने पनडुब्बी को जलरोधी बनाने में इस्तेमाल द्रव के आधार पर तैयार द्रव का इस्तेमाल सीम सीलिंग टेप की जगह बायो सूट में किया। उन्होंने बताया कि डीआरडीओ विभिन्न सुरक्षा प्रतिष्ठानों और संगठनों को पूरे देश में डेढ़ लाख सेनेटाइजर की आपूर्ति कर रहा है। 

PunjabKesari
अधिकारी ने बताया कि पांच परत वाले मास्क एन-99 नैनो टेक्नोलॉजी के आधार बनाए गए हैं और युद्धस्तर पर इसका उत्पादन किया जा रहा है। 10 हजार मास्क पहले ही बनाए जा चुके हैं और जल्द ही रोजाना 20 हजार ऐसे मास्क का उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि डीआरडीओ प्रयोगशाला ने दिल्ली पुलिस को 40 हजार मास्क की आपूर्ति की है। अधिकारी ने बताया कि डीआरडीओ वेंटिलेटर में मामूली बदलाव कर रहा है ताकि एक ही वेंटिलेटर से एक बार में चार मरीजों के जीवन की रक्षा की जा सके।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!