Edited By Parveen Kumar,Updated: 07 Sep, 2024 10:28 PM
कोलकाता के आर जी कर अस्पताल की महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार एवं हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर जारी प्रदर्शनों के बीच, विभिन्न पूजा समितियों के सदस्यों ने आश्वासन दिया है कि आगामी दुर्गा पूजा उत्सव की तैयारियां जोरों पर चल...
नेशनल डेस्क : कोलकाता के आर जी कर अस्पताल की महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार एवं हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर जारी प्रदर्शनों के बीच, विभिन्न पूजा समितियों के सदस्यों ने आश्वासन दिया है कि आगामी दुर्गा पूजा उत्सव की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। बलात्कार और हत्या के मामले में केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी से निराश लोगों का एक वर्ग इस साल दुर्गा पूजा समारोह के बहिष्कार की वकालत कर रहा है। उनका तर्क है कि विरोध तब तक जारी रहना चाहिए जब तक पीड़ित को सही मायने में न्याय नहीं मिल जाता। दुर्गा पूजा उत्सव नौ अक्टूबर से शुरू होने वाला है।
सोशल मीडिया कार्यकर्ता, आरजे और सोदपुर में ‘वीमेन रिक्लेम द नाइट' पहल की प्रमुख प्रचारकों में से एक देबलीना डे ने कहा, ‘‘जब तक हम आरजी कर अस्पताल में हत्या की शिकार अपनी बहन को न्याय नहीं दिला देते, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।'' देबलीना ने कहा, ‘‘अगर इससे पूजा की तैयारियों और खरीदारी पर असर पड़ता है, तो ठीक है। यह दुर्गा पूजा की थीम या पंडालों पर चर्चा करने का सही समय नहीं है, हम अभया (महिला चिकित्सक को दिया गया प्रतीकात्मक नाम) के साथ एकजुटता से खड़े हैं।''
फोरम फॉर दुर्गोत्सव' के एक वरिष्ठ अधिकारी और शिव मंदिर पूजा समिति के प्रमुख आयोजक पार्थ घोष ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘दुर्गा पूजा के उत्सव को रोकने का कोई सवाल ही नहीं उठता। दुर्गा पूजा सदियों से बंगाली संस्कृति का अभिन्न अंग रही है।'' घोष की शिव मंदिर पूजा समिति दक्षिण कोलकाता में एक प्रमुख आकर्षण है। घोष ने कहा कि इस साल की पूजा की थीम इस महीने के अंत तक सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों के लगभग 60 श्रमिकों के साथ काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी तरह काशी बोस लेन पूजा, जो उत्तर का एक उल्लेखनीय पंडाल है, ने अपनी पूर्व नियोजित थीम ‘रत्नगर्भा' को नहीं छोड़ा है, जिसका चयन महीनों पहले किया गया था।
बालीगंज में ‘समाजसेवी संघ' के महासचिव अरिजीत मोइत्रा ने कहा, "‘‘हमारा काम 70 प्रतिशत पहले ही पूरा हो चुका है, जिसमें विभिन्न जिलों के कई मजदूर शामिल हैं। अगर दुर्गा पूजा रद्द कर दी गई तो उनका क्या होगा? हम अपनी दैनिक गतिविधियां जारी रखते हैं। आइए पूजा के पांच दिनों के दौरान पंडाल के साथ विरोध प्रदर्शन को जारी रहने देते हैं, आइए देवी से हर महिला की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करें।'' बालीगंज सांस्कृतिक पूजा समिति के अंजन उकिल ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि प्रायोजक इस सप्ताह तक लौटकर हमारे पास आएंगे। इसके बाद ही चीजें स्पष्ट होंगी।''