पूर्वी लद्दाख: कड़कती ठंड में भी नहीं डगमगाएगा जवानों का हौसला, DRDO ने बनाए कई प्रोडक्ट्स

Edited By Seema Sharma,Updated: 11 Jan, 2021 01:34 PM

east ladakh  will not be afraid of the soldiers even in cold

कड़कड़ाती ठंड में भी भारत के 50 हजार से ज्यादा सैनिक पूर्वी लद्दाख में LAC पर डटे हुए हैं। चीन की हर चाल पर नजर रखने और उसे मुंहतोड़ जवाब देने के लिए इस बार भारतीय सैनिक 24 घंटे अग्रिम मोर्चों पर डटे हुए हैं। वहीं इस भीषण ठंड में जवानों को किसी तरह...

नेशनल डेस्क: कड़कड़ाती ठंड में भी भारत के 50 हजार से ज्यादा सैनिक पूर्वी लद्दाख में LAC पर डटे हुए हैं। चीन की हर चाल पर नजर रखने और उसे मुंहतोड़ जवाब देने के लिए इस बार भारतीय सैनिक 24 घंटे अग्रिम मोर्चों पर डटे हुए हैं। वहीं इस भीषण ठंड में जवानों को किसी तरह की कोई दिक्कत न आए, इसके लिए डिफेंस रिसर्च एंड डिवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने कई प्रोडक्ट्स बनाए हैं। इन प्रोडक्ट्स से सैनिको को काफी सुविधा मिलेगी और वे डटकर चीन का सामना कर सकते हैं। DRDO ने हिम-तापक हीटिंग डिवाइसेस, स्नो मेल्टर्स आदि प्रोडक्ट्स बनाए हैं।

 

DRDO के डिफेंस इंस्टीट्यूट फॉर फिजियोलॉजी एंड अलाइड साइंसेज (DIPAS) के निदेशक डॉ. राजीव वार्ष्णेय के मुताबिक हिम तापक स्पेस हीटिंग डिवाइस (बुखारी) पूर्वी लद्दाख, सियाचिन और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात भारतीय सैनिकों के लिए विकसित किया गया है। इन उपकरणों के लिए 420 करोड़ रुपए से अधिक का ऑर्डर दिया भी जा चुका है। डॉ. राजीव वार्ष्णेय ने कहा कि यह डिवाइस सुनिश्चित करेगा कि बैकलस्ट और कार्बन मोनोऑक्साइड के कारण किसी भी जवानों की मौत न हो।

 

इसके अलावा DIPAS ने एलोकल क्रीम भी बनाई है। यह क्रीम से ठंडे इलाकों में तैनात सैनिकों को लगने वाली चोटों को ठीक करने में मदद करेगी। फ्लेक्सिबल वॉटर बॉटल और सोलर स्नो मेल्टर हैं प्रोडक्ट्स भी बनाए गए हैं, इससे कम तापमान में पानी पीने के लिए आने वाली दिक्कतें दूर की जा सकती हैं। डॉ. वार्ष्णेय ने बताया कि नई डिवाइसेस को आईटीबीपी और सेना के आवासों में रखा जाएगा।

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