ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामला: EC ने 'आप' के 21 विधायकों का फैसला रखा सुरक्षित

Edited By ,Updated: 27 Mar, 2017 08:18 PM

ec reserves the right to decide 21 legislators of aap

EC ने मुख्य चुनाव आयुक्त ने इनकी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है जो कभी भी आ सकता है।

नई दिल्ली: EC ने मुख्य चुनाव आयुक्त ने इनकी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है जो कभी भी आ सकता है। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में आप के विधायकों का कहना है की हाई कोर्ट ने संसदीय सचिव को ही असंवैधानिक करार दिया है तो ऑफिस ऑफ प्रॉफिट बनता ही नहीं। इस पर उन्होंने चुनाव आयोग के सामने अपनी सफाई दी। 13 मार्च, 2015 में केजरीवाल सरकार ने 21 विधायको को संसदीय सचिव नियुक्त किया था, इसके बाद 19 जून, 2015 को राष्ट्रपति के पास मामला पहुंचा।

वहीं एक दूसरी याचिका में संसदीय सचिव मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 9 सितंबर, 2016 इनकी नियुक्तिया रद्द कर दी। उसके बाद से वह संसदीय सचिव तो नहीं है लेकिन इससे पहले दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने चुनाव आयोग को लिखित रूप में सुविधाओं का ब्यौरा जरूर दिया था।

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