Edited By rajesh kumar,Updated: 15 Feb, 2020 03:56 PM
नाव आयोग और इससे पूर्व एक मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एस वाई कुरैशी के बीच इन दिनों वाक युद्ध शुरू हो गया है। दिल्ली चुनाव के दौरान हेट स्पीच देने वाले नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज नहीं करवाने को लेकर पूर्व CEO एस वाई कुरैशी ने सवाल खड़े किए हैं। अब...
नई दिल्ली: चुनाव आयोग और इससे पूर्व एक मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एस वाई कुरैशी के बीच इन दिनों वाक युद्ध शुरू हो गया है। दिल्ली चुनाव के दौरान हेट स्पीच देने वाले नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज नहीं करवाने को लेकर पूर्व CEO एस वाई कुरैशी ने सवाल खड़े किए हैं। अब चुनाव आयोग ने जवाब देते हुए कहा कि आपके वक्त भी कार्रवाई नहीं की गई थी। चुनाव आयोग ने कहा कि जब कुरैशी आयोग की अगुवाई कर रहे थे तो उनके पास जितने मामले आए, उनमें से एक भी मामले पर FIR दर्ज नहीं हुई।
कुरैशी ने उठाए सवाल
चुनाव आयोग का नेतृत्व करने वाले कुरैशी ने 8 फरवरी को अपने लेख में हैरानी जताई थीकि दिल्ली चुनाव के दौरान विवादित बयान देने वाले बीजेपी के नेता अनुराग ठाकुर और बीजेपी के सांसद प्रवेश वर्मा के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत FIR क्यों नहीं दर्ज की गई। जबकि वह दोनों ऐसी गलती के लिए दोषी पाए गए थे। हालांकि उन्होंने चुनाव आयोग की बीजेपी के स्टार कैंपेनर लिस्ट से दोनों को बाहर करने और चुनाव प्रचार पर रोक लगाने की तारीफ की थी। आयोग ने गुरूवार को कुरैशी को पत्र लिखकर कहा कि जब आप मुख्य चुनाव आयुक्त के कार्यालय का कामकाज देख रहे थे, उस दौरान आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के तहत जारी नोटिसों और कार्रवाई की सूची संलग्न है।
चुनाव आयोग का कुरैशी को जवाब
उन्होंने कहा, 'आप कृपया इस सूची को पढ़ सकते हैं। सूचि में देखा जा सकता है कि तत्कालीन आयोग ने इस अवधि में जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धाराओं 123 और 125 के तहत तथा आईपीसी (भारतीय दण्ड संहिता) की धारा 153 के तहत कोई कार्रवाई नहीं की।'