Edited By shukdev,Updated: 22 Mar, 2019 10:00 PM
चुनाव आयोग भारतीय सांख्यकीय संस्थान (आईएसआई) की रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही यह तय कर देगा कि वीवीपीएटी की कितनी पर्चियों का मतगणना में ईवीएम के मतों से मिलान किया जाए। आईएसआई ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप दी। आयोग द्वारा जारी बयान के...
नई दिल्ली: चुनाव आयोग भारतीय सांख्यकीय संस्थान (आईएसआई) की रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही यह तय कर देगा कि वीवीपीएटी की कितनी पर्चियों का मतगणना में ईवीएम के मतों से मिलान किया जाए। आईएसआई ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप दी। आयोग द्वारा जारी बयान के अनुसार रिपोर्ट के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद आयोग जल्द ही इस दिशा में फैसला करेगा।
उल्लेखनीय है कि मौजूदा व्यवस्था में मतगणना के दौरान प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में किसी एक मतदान केन्द्र की वीवीपीएटी मशीनों की पर्चियों का ईवीएम के मतों से मिलान किया जाता है। राजनीतिक दलों की मांग थी कि मतगणना में एक से अधिक संख्या में मतदान केन्द्रों की वीवीपीएटी मशीनों की पर्चियों का मिलान किया जाए। राजनीतिक दलों की इस मांग पर अमल करने से पहले आयोग ने आईएसआई से इस दिशा में अध्ययन कराने का फैसला किया। ईवीएम से किए गए मतदान की पुष्टि वीवीपीएटी मशीन से निकली पर्ची के आधार पर किया जाता है।
उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में आयोग से मतगणना में वीपीपीएटी की पर्चियों के मिलान में मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ाने की संभावनायें तलाशने को कहा था। इसके लिए आयोग आईएसआई से इस बारे में कराए गए अध्ययन की रिपोर्ट का आंकलन कर उच्चतम न्यायालय के समक्ष 25 मार्च को मामले की सुनवाई के दौरान अपना पक्ष प्रस्तुत करेगा। अदालत की अनुमति के बाद बदली हुई व्यवस्था को 11 अप्रैल से शुरू हो रहे सात चरण वाले लोकसभा चुनाव सहित भविष्य में अन्य चुनावों में भी लागू किया जाएगा। आयोग द्वारा घोषित चुनाव कार्यकम के अनुसार लोकसभा चुनाव का परिणाम 19 मई को अंतिम चरण के मतदान के बाद 23 मई को मतगणना के आधार पर घोषित किया जाएगा।