अर्थव्यवस्था कुप्रबंधन की शिकार, आम जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित है : येचुरी

Edited By shukdev,Updated: 20 Jan, 2020 06:28 PM

economy victim of mismanagement common life is also badly affected yechury

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने देश में आर्थिक मंदी के लिए केन्द्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सोमवार को कहा कि अर्थव्यवस्था कुप्रबंधन की शिकार है और इससे आम लोगों के जीवन पर बुरा असर पड़ा है। येचुरी ने सरकार के कर संग्रह में कमी आने की...

नई दिल्ली: माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने देश में आर्थिक मंदी के लिए केन्द्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सोमवार को कहा कि अर्थव्यवस्था कुप्रबंधन की शिकार है और इससे आम लोगों के जीवन पर बुरा असर पड़ा है। येचुरी ने सरकार के कर संग्रह में कमी आने की रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष में ढाई लाख करोड़ रुपए के अनुमानित कर संग्रह में गिरावट के लिए पूरी तरह से केन्द्र सरकार जिम्मेदार है। 

येचुरी ने ट्वीट कर कहा,‘यह महज अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के अलावा और कुछ नहीं है। इसके कारण करोड़ों भारतीयों की गुजर बसर और रोजमर्रा की जिंदगी तबाह हुई है, जबकि मोदी के धनी मित्र लगातार मुनाफे में जा रहे हैं और भाजपा को वित्तीय लाभ पहुंचा रहे हैं। सड़कों पर जनता इस बात का संज्ञान ले रही है और इसके लिए जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।' 

येचुरी ने अर्थव्यवस्था के बारे में ऑक्सफेम की अध्ययन रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि देश के सर्वाधिक धनी एक प्रतिशत लोगों की संपत्ति में चार गुना तक इजाफा हुआ है जो कि देश की निर्धनतम 70 प्रतिशत आबादी अर्थात 95.3 करोड़ लोगों की संपत्ति के बराबर है। उन्होंने इस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं चाहते हैं कि लोगों को भाजपा के वित्तपोषण के स्रोत के बारे में पता चले। येचुरी ने कहा,‘चुनावी बॉंड योजना पारदर्शी नहीं है और यह लगातार निर्धनता की ओर बढ़ रहे लोगों के बीच निरंतर धनी हो रहे लोगों एवं भाजपा के बीच सांठगांठ को उजागर करती है।'

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