शरद पवार के करीबी और कांग्रेस पार्टी के नेता जयंत पाटिल को ED ने भेजा नोटिस, कल पूछताछ के लिए बुलाया

Edited By Anu Malhotra,Updated: 11 May, 2023 10:08 AM

ed sent notice to sharad pawar s aide and congress leader jayant patil

प्रवर्तन निदेशालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जयंत पाटिल को इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) से संबंधित कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है।

नेशनल डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जयंत पाटिल को इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) से संबंधित कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। ED ने उन्हें कल 10 बजे बुलाया है. जयंत पाटिल पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के करीबी हैं।

इस मामले में इस्लामपुर सीट से विधायक पाटिल का बयान दक्षिण मुंबई में बलार्ड एस्टेट स्थित निदेशालय के कार्यालय में दर्ज किए जाने की संभावना है। पूर्व गृह एवं वित्त मंत्री पाटिल सात बार विधायक चुने गए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने आईएलएंडएफएस में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में धनशोधन संबंधी जांच के दौरान बुधवार को इसकी दो पूर्व लेखा परीक्षा कंपनियों - बीएसआर एंड एसोसिएट्स और डेलॉयट हास्किन्स एंड सेल्स के परिसरों पर छापा मारा था। उन्होंने बताया कि इन दोनों कंपनियों के मुंबई स्थित परिसरों पर धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छापेमारी की गई थी।

अधिकारियों ने दोनों कंपनियों ‘डेलॉयट हास्किन्स एंड सेल्स' और ‘बीएसआर एंड एसोसिएट्स' के कुछ कर्मचारियों से भी पूछताछ की थी और कुछ दस्तावेज जब्त किए थे। डेलॉयट के एक प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘एक पूर्व कर्मी से संबंधित मामले में यह नियमित पूछताछ थी और हम प्रशासन को पूरा सहयोग करते रहेंगे।” एक सप्ताह पहले उच्चतम न्यायालय ने मुंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें दोनों कंपनियों के खिलाफ गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) की जांच निरस्त कर दी गई थी। इससे इन कंपनियों के खिलाफ कंपनी अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू करने और राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा उनके खिलाफ जांच आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया।

आईएलएंडएफएस ने 2018 में दिवाला कार्यवाही के लिए अपील की थी। एसएफआईओ कॉरपोरेट मामले के मंत्रालय के अंतर्गत आता है। यह सफेदपोश अपराधों और धोखाधड़ी की जांच करता है और मुकदमा चलाता है। प्रवर्तन निदेशालय ने आईएलएंडएफएस में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में धनशोधन के आरोपों की जांच 2019 में शुरू की थी। उस समय आईएलएंडएफएस समूह की कंपनियों- आईआरएल, आईटीएनएल, इसके अधिकारियों व अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज मुकदमे का संज्ञान लिया गया था। निदेशाालय ने आईएलएंडएफएस फाइनेंशियस सर्विसेज (आईएफआईएन) और उसके अधिकारियों के खिलाफ एसएफआईओ की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत का भी संज्ञान लिया था। ईडी ने इस मामले में इससे पहले भी विभिन्न इकाइयों की संपत्तियां जब्त की हैं।

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