Edited By Hitesh,Updated: 17 Sep, 2021 06:04 PM
मध्यप्रदेश में कोरोना पर नियंत्रण की स्थिति बनाए रखने के साथ ही डेंगू के बढ़ते प्रकरणों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ा दी है। सरकार कोरोना वैक्सीनेशन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के अलावा जानलेवा बीमारी डेंगू पर नियंत्रण के लिए भी उपाय कर रही...
नेशनल डेस्क: मध्यप्रदेश में कोरोना पर नियंत्रण की स्थिति बनाए रखने के साथ ही डेंगू के बढ़ते प्रकरणों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ा दी है। सरकार कोरोना वैक्सीनेशन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के अलावा जानलेवा बीमारी डेंगू पर नियंत्रण के लिए भी उपाय कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता के अनुसार राज्य में हाल के दिनों में डेंगू के लगभग 3000 प्रकरण सामने आ चुके हैं।
इनमें से लगभग आधा दर्जन मरीजों की मृत्यु भी हुयी है। मच्छर के कारण फैलने वाले रोग डेंगू से सबसे अधिक मंदसौर, रतलाम, इंदौर, जबलपुर और भोपाल जिले प्रभावित हुए हैं। कुल प्रकरणों के 65 प्रतिशत से अधिक मामले इन पांच जिलों में ही पाए गए हैं, हालाकि राज्य के सभी 52 जिलों में डेंगू के मरीज मिले हैं। प्रवक्ता ने यूनीवार्ता से कहा कि मंदसौर में अब तक सबसे अधिक रोगी मिले हैं, जिनकी संख्या लगभग नौ सौ है। जिन मामलों में रोगी की मृत्यु हुयी है, वे गुर्दे, हृदय और इस तरह की अन्य बीमारियों से भी पीड़ति थे।
सरकार ने डेंगू पर नियंत्रण पाने के लिए जनजागरुकता के अलावा स्वच्छता अभियान पर जोर दिया है। नागरिकों से घरों में भंडारण किए हुए पानी को सात दिन में बदलने और खासतौर से कूलर का पानी बदलने तथा उनकी साफ सफाई के लिए कहा जा रहा है। दरअसल ऐसे ही स्थानों पर डेंगू फैलाने वाले मच्छर और लार्वा पनपते हैं। इनकी वजह से ही डेंगू होने की आशंका बनी रहती है।
प्रवक्ता के अनुसार नागरिकों से यह भी अनुरोध किया जा रहा है कि वे बुखार आने और डेंगू के लक्षण दिखायी देने पर तत्काल चिकित्सकों की सलाह लेकर आवश्यक परीक्षण और इलाज शुरू कराएं। गौरतलब है कि राज्य में इन दिनों कोरोना वैक्सीनेशन अभियान भी चलाया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि 26 सितंबर तक सभी पात्र नागरिकों लगभग पांच करोड़ 43 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लग जाए और आगामी दिसंबर माह तक सभी पात्र नागरिकों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगा दिए जाएं। इस लक्ष्य के मद्देनजर कार्य युद्धस्तर पर जारी है।