भारत के आठ तटों को ‘ब्लू फ़्लैग’ का दर्जा, टॉप 50 देशों की सूची में हुआ शामिल

Edited By Yaspal,Updated: 11 Oct, 2020 08:39 PM

eight beaches of india named  blue flag  in the list of top 50 countries

पर्यावरण के अनुकूल, साफ़ सुथरे और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित पर्यटन सुविधाओं से युक्त भारत के आठ समुद्री तटों को‘ब्लू फ़्लैग'' का दर्जा मिला है। इसके साथ ही,देश अब दुनिया के 50 ब्लू फ़्लैग देशों में शामिल हो गया है। इस मौके पर पर्यावरण, वन और...

नई दिल्लीः पर्यावरण के अनुकूल, साफ़ सुथरे और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित पर्यटन सुविधाओं से युक्त भारत के आठ समुद्री तटों को‘ब्लू फ़्लैग' का दर्जा मिला है। इसके साथ ही,देश अब दुनिया के 50 ब्लू फ़्लैग देशों में शामिल हो गया है। इस मौके पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने रविवार को कहा कि भारत के आठ तटों को ‘ब्लू फ़्लैग' का प्रमाण पत्र मिलना देश के लिए गौरव का क्षण है। जावडेकर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय जुरी की ओर से भारत को तटों पर प्रदूषण नियंत्रण के मानक पर तीसरा स्थान मिला है।

मंत्री ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत पहला देश है जिसे सिफऱ् दो वर्षों के भीतर ये उपलब्धि हासिल हुई है। ये पहला मौक़ा है जब एक साथ आठ तटों को पहले प्रयास में ‘ब्लू फ़्लैग' का दर्जा मिला हो। इससे पहले जापान,दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात के दो-दो तटों को पांच -छह वर्षों के प्रयास के बाद यह दर्जा मिला था।

जावडेकर ने कहा कि संरक्षण और सतत विकास की दिशा में ये उपलब्धि भारत को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाता है। भारत का लक्ष्य आने वाले पांच सालों में देश के 100 तटों को ‘ब्लू फ़्लैग' के मानक के मुताबिक़ तैयार करना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में हर तटीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से एक तट को चुनकर कुल आठ तटों के विकास का लक्ष्य लेकर पायलट परियोजना शुरू की गयी थी। ‘ब्लू फ्लैग' पाने वाले तटों में शिवराजपुर (गुजरात), घोघला (दीव), कासरकोड और पदुबिद्री (दोनों कर्नाटक में), कप्पड़ (केरल), रुशिकोंडा (आंध्र), गोल्डन (ओडिशा) और राधानगर (अंडमान) शामिल हैं।

भारत अपने एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन परियोजना के तहत तटों को पर्यावरण और पर्यटन हितैषी बनाने के लिए ‘ब्लू फ्लैग' मानकों के मुताबिक़ विकसित कर रहा है। इसमें समु्द्र तट को प्लास्टिक मुक्त, गंदगी मुक्त, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से लैस करने, सैलानियों के लिए साफ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने, अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक पर्यटन सुविधाएं विकसित करने और समुद्र तट के आसपास पर्यावरणीय प्रभावों के अध्ययन की सुविधाओं से लैस करना होता है। ‘ब्लू फ्लैग' प्रमाण-पत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक गैर सरकारी संगठन फाउंडेशन फॉर इनवॉयरमेंटल एजुकेशन ( एफईई) , डेनमार्क द्वारा प्रदान किया जाता है।

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