पूर्व केन्द्रीय मंत्री पवन बंसल ने पढ़ाई राजनीति, बांटा अपने जीवन का अनुभव

Edited By ,Updated: 03 Nov, 2016 08:35 AM

elated students all ears as former minister bansal plays teacher

शिक्षा विभाग ने शहर के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सीनियर सिटीजन को वॉलिंटयर गेस्ट टीचर के तौर पर बुलाया है।

चंडीगढ़ (आशीष) : शिक्षा विभाग ने शहर के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सीनियर सिटीजन को वॉलिंटयर गेस्ट टीचर के तौर पर बुलाया है। बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल, पूर्व डी.पी.आई. एस.के. सेतिया और पी.जी.जी.सी.-46 के सोशोलॉजी के प्रोफैसर पंडिज राव ने विभिन्न स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया। विभाग ने 74 सीनियर सिटीजन को नियुक्त किया है जोकि एक विषय के अलावा अपने जीवन के निजी अनुभव को भी शेयर कर सकते हैं। पहले दिन क्लास की शुरूआत पूर्व केन्द्रीय मंत्री पवन बंसल ने गवर्नमैंट मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल सैक्टर-19 में 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाने से की। बंसल ने विद्यार्थियों को राजनीति शास्त्र के बारे में पढ़ाया। बंसल की कक्षा में करीब 40 बच्चे थे।  बंसल ने कहा कि वह राजनीति शास्त्र के अलावा इन्वायरमैंट लॉज और पानी संरक्षण के बारे में भी पढ़ाना चाहेंगे। यह दोनों ही विषय ऐसे हैं जोकि बच्चों की जानकारी के लिए बहुत ही अहम हैं। वहीं बच्चों ने पहली कक्षा पर खुशी जताते हुए कहा कि आज उन्हें देश के बारे में वह जानकारी मिली जो कि बहुत ही उपयोगी है। 


संसद और विधानसभा की कार्यप्रणाली बारे जानकारी मिली 
छात्रा मनीषा ने कहा कि जो अनुच्छेद के निर्माण और किसी नियम के निर्माण के बारे में बताया गया उसे वह नहीं जानती थी। यह कक्षा लगाने के बाद उन्हें संसद और विधानसभा की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी मिली है। वंश ने कहा कि लोकसभा क्या होती है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इससे पहले लोकसभा के सेशन चलने के दौरान मात्र लड़ाई ही होती थी, लेकिन उसका कोई अर्थ समझ नहीं आता था। आज जब बताया गया कि किसी भी नियम को देश में लागू करने से पहले या फिर कोई बड़ा फैसला लेने से पहले लोकसभा में बहस होती है तो उसका अर्थ क्या है।  वहीं सोनी ने कहा कि आज किताबी ज्ञान से निकलकर प्रैक्टीकल जानकारी मिली है। इससे पहले किताबों में जो पढ़ा जाता है उससे मात्र अंक आते हैं, लेकिन जो आज पढ़ा है वह काफी अहम लगा। इसमें शिक्षा का अधिकार सबसे अहम लगा। 


सप्ताह में एक दिन लेंगे क्लास 
शहर के सरकारी स्कूलों में बुधवार से नई शुरूआत हुई। शहर के रिटायर्ड अधिकारी और अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ स्कूली बच्चों को अपने अनुभव के टिप्स प्रदान किए। शिक्षा विभाग ने चुने गए लोगों को हफ्ते में एक पीरियड या एक लैक्चर लेने की अनुमति प्रदान की है। शिक्षा विभाग ने ट्राईसिटी के रिटायर्ड जज,आई.ए.एस.,वकील,टीचर्स,सैनिक अधिकारी से सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए आवदेन आमंत्रित किए थे। 


दिया पंजाबी का ज्ञान
पी.जी.जी.सी.-46 के प्रोफैसर पंडित राव जोकि खुद मद्रास से है और इस समय कॉलेज में सोशोलॉजी पढ़ाते हैं। उन्होंने जी.एम.एस.एस.एस.-46 में पंजाबी विषय को पढ़ाया। पंडित राव द्वारा बच्चों को बताया कि मातृ भाषा का क्या महत्व है। इसे पढऩे के बाद भी विद्यार्थी अपने भविष्य को सुधार सकते हैं। पंडित राव ने बताया कि पंजाबी पढऩे पंजाबी भाषा के पत्रकार बनना, रचनाकार बनना और इसके अलावा ट्रांसलेटर की नौकरी भी मिल सकती है। अपनी मातृभाषा को बचाने के लिए सरकार द्वारा पंजाबी भाषा के अध्यापक बना जा सकता है। इस दौरान विद्यार्थियों ने उत्सुकता से पंडित राव से पूछा कि वह मद्रास से हैं लेकिन उसके बाद भी पंजाबी का प्रसार क्यों कर रहे हैं। जिस पर उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे स्थान हैं जहां पर पंजाबी बोलने और समझने वाले लोग ही आते हैं उसमें अस्पताल सबसे अहम है। डॉक्टर को पंजाबी भाषा समझ ही नहीं आती है जिसके कारण किसी का पूरा इलाज नहीं हो पाता है। 

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