Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 03:13 PM
चुनाव आयोग ने मौजूदा दौर में संचार और संवाद के सबसे सशक्त माध्यम बने सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने आज चुनाव आयोग के ‘सोशल मीडिया संचार हब’ (एसएमसीएच) की शुरुआत करते हुए इस पहल को आयोग में बदलते दौर का...
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने मौजूदा दौर में संचार और संवाद के सबसे सशक्त माध्यम बने सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने आज चुनाव आयोग के ‘सोशल मीडिया संचार हब’ (एसएमसीएच) की शुरुआत करते हुए इस पहल को आयोग में बदलते दौर का वाहक बताया। रावत ने कहा कि गुरुवार को मतदाता दिवस से एक दिन पहले चुनाव आयोग के फेसबुक पेज और यू-टयूब चैनल की शुरुआत स्वागतयोग्य पहल है। जल्द ही ट्वीटर सहित सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म पर भी चुनाव आयोग दस्तक देगा। रावत ने निर्वाचन प्रक्रिया में दिव्यांगों की भागीदारी बढ़ाने पर आयोग द्वारा आयोजित अंतराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सूचना एवं संचार क्रांति के इस दौर में सोशल मीडिया को चुनाव प्रक्रिया का अहम हथियार बनाकर दुनिया भर में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को मजबूती प्रदान की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जबकि सभी लोकतांत्रिक देशों में निर्वाचन संस्थाओं को चुनाव प्रक्रिया से प्रत्येक मतदाता को जोडऩे की मुहिम में अत्याधुनिक तकनीक का संयोजन हो। उन्होंने कहा कि अभी भी मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग है जो मतदान केंद्रों से दूर है। इनमें दिव्यांगजन और बुजुर्गों के अलावा युवाओं का भी एक तबका शामिल है। रावत ने कहा कि मतदान केन्द्र तक पहुंचने से छूट गए लोगों को जोडऩे के जागरुकता अभियानों में सोशल मीडया महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया, भूटान, माल्दोवा और गिनी सहित आठ देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
इस दौरान चुनाव आयोग ने निर्वाचन प्रणाली को सुगम बनाने के लिये विभिन्न देशों के साथ आपसी सहयोग बढ़ाने की पहल करते हुये गिनी और माल्दोवा गणराज्य तथा अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन सहायता संस्थान के साथ तीन सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर भी किए। सहमित पत्रों पर भारत की ओर से चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और अशोक लवासा ने हस्ताक्षर किये। चुनाव आयोग के महानिदेशक धीरेंद्र ओझा ने बताया कि भारत सहित अन्य लोकतांत्रित देशों में निर्वाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिये चुनाव आयोग अबतक लगभग 20 अंतरराष्ट्रीय निर्वाचन संस्थाओं के साथ आपसी सहयोग के करार कर चुका है। इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुये वैश्विक स्तर पर मतदाताओं को जागरुक कर चुनाव को ‘लोकतंत्र का महापर्व’ बनाने का लक्ष्य है। (भाषा)