Edited By vasudha,Updated: 09 Apr, 2021 03:14 PM
विधानसभा चुनाव के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। चुनाव आयोग ने 28 मार्च और 7 अप्रैल को केंद्रीय सुरक्षा बलों के खिलाफ दिए उनके बयान को लेकर उन्हें नोटिस भेजा और 10 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है।इससे पहले...
नेशनल डेस्क: चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी को केन्द्रीय बलों के बारे में की गयी टिप्पणी को लेकर नोटिस जारी किया है और उनसे 10 अप्रैल तक इसका जवाब मांगा है। चुनाव आयोग की ओर से बनर्जी को भेजी गयी यह दूसरी नोटिस है। इस बार नोटिस जारी करते हुए कहा गया कि केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के खिलाफ की गयी टिप्पणी ‘झूठी और उकसाने' वाली है।
आयोग ने बनर्जी से कहा है कि शनिवार पूर्वाह्न 11 बजे से पहले वह इस मामले में अपना पक्ष रखें। नोटिस में कहा गया कि यदि वह अपना पक्ष रखने में विफल रहती हैं तो उनके विरुद्ध आदर्श आचार संहिता और भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 189, 505 के तहत कारर्वाई की जायेगी। तृणमूल सुप्रीमो ने कूच बिहार की एक चुनावी रैली में कहा था कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल पर नजर रखें। उनका घेराव कीजिए क्यों कि वे लोगों को वोट डालने नहीं देते। एक दल उन्हें बातों में उलझा कर रखे और दूसरा दल वोट डालने जाये। इस तरह प्रत्येक व्यक्ति अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकता है।
बनर्जी ने गुरुवार को एक रैली में दावा किया था कि पश्चिम बंगाल में चुनावी ड्यूटी पर लगाये गये केन्द्रीय बल केन्द्र सरकार के निर्देश पर काम कर रहे हैं। उन्होंने केन्द्रीय बलों पर ग्रामीणों पर अत्याचार करने और महिलाओं को प्रताड़ति करने का भी आरोप लगाया था। तृणमूल सुप्रीमो ने अलीपुरद्वार जिले में एक चुनावी रैली में चुनाव आयोग पर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल और भारत तिब्बत सीमा पुलिस की ओर से की जा रही ‘ज्यादतियों' को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया था।
इससे पहले बनर्जी ने कहा था कि वह सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं को बांटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ आवाज उठाती रहेंगी और चुनाव आयोग चाहे तो उन्हें दस कारण बताओ नोटिस भेज दे, , लेकिन इनसे वह अपना रुख नहीं बदलेंगी। ममता ने कथित रूप से मुस्लिम मतदाताओं से टीएमसी के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने बुधवार को बनर्जी को आचार संहिता के उल्लंघन के लिये नोटिस भेजा था।