मतगणना की तैयारियों में जुटा EC, नतीजों में हो सकती है चार घंटे तक की देरी

Edited By shukdev,Updated: 10 May, 2019 12:10 AM

election commission prepared for counting of votes

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की मतगणना में इस बार पांच गुना अधिक वीवीपीएटी की पर्चियों के ईवीएम के मतों से मिलान की तैयारी मुकम्मल करते हुए स्पष्ट किया है कि ईवीएम के मत और वीवीपीएटी की पर्ची असंगत पाए जाने पर वीवीपीएटी की पर्चियों की गणना को वैध माना...

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की मतगणना में इस बार पांच गुना अधिक वीवीपीएटी की पर्चियों के ईवीएम के मतों से मिलान की तैयारी मुकम्मल करते हुए स्पष्ट किया है कि ईवीएम के मत और वीवीपीएटी की पर्ची असंगत पाए जाने पर वीवीपीएटी की पर्चियों की गणना को वैध माना जाएगा। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में वीवीपीएटी की पर्ची से ईवीएम के मत का मिलान पहली बार किया जाएगा। 

PunjabKesariउच्चतम न्यायालय के फैसले के तहत लागू हुई इस व्यवस्था के अंतर्गत विधानसभा चुनाव में मतगणना के दौरान प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से एक मतदान केन्द्र की वीवीपीएटी की पर्चियों का औचक मिलान किया जाता रहा है। शीर्ष अदालत के हाल ही में दिए गए आदेश के तहत अब लोकसभा चुनाव की मतगणना में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच मतदान केन्द्रों की वीवीपीएटी की पर्चियों का ईवीएम के मतों से औचक मिलान किया जाएगा। 

PunjabKesariपर्ची के मिलान में विसंगति पाए जाने पर वीवीपीएटी की पर्ची को वैध माना जाएगा
उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि इस बार मतगणना में पांच गुना अधिक वीवीपीएटी की पर्चियों की गणना के कारण चुनाव परिणाम में औसतन, कम से कम चार घंटे तक का विलंब हो सकता है। सात चरण में हो रहे लोकसभा चुनाव के अंतिम दौर का मतदान 19 मई को होने के बाद 23 मई को मतगणना होगी। अब तक पांच चरण का मतदान हो चुका है। छठे चरण का मतदान 12 मई को है। आयोग के एक अधिकारी ने निर्वाचन नियमों का हवाला देते हुए बताया कि ईवीएम के मत और वीवीपीएटी की पर्ची के मिलान में विसंगति पाए जाने पर वीवीपीएटी की पर्ची को वैध माना जाएगा। 

PunjabKesariकुल 20600 मतदान केन्द्रों की वीवीपीएटी की पर्चियों की गणना होगी
उन्होंने बताया कि निर्वाचन नियमावली के नियम 56 डी (4) के तहत ईवीएम की कंट्रोल यूनिट में दर्ज कुल मत और वीवीपीएटी की पर्चियों की गणना में अंतर पाए जाने पर वीवीपीएटी को वरीयता दी जाएगी। इस बाबत सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इस स्पष्टीकरण के साथ इसके पालन के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। हालांकि आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतगणना के दौरान ईवीएम के मत और वीवीपीएटी की पर्चियों के मिलान में अब तक कभी विसंगति होने का कोई उदाहरण नहीं है। मतगणना संबंधी परिवर्तित व्यवस्था के तहत आयोग को इस बार लोकसभा चुनाव की मतगणना में कुल 20600 मतदान केन्द्रों की वीवीपीएटी की पर्चियों की गणना करनी होगी। एक अनुमान के मुताबिक प्रत्येक मतदान केन्द्र पर मतदाताओं की संख्या 800 से 2500 तक होती है।

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