Edited By vasudha,Updated: 11 Mar, 2019 12:02 AM
लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर विज्ञान भवन में निर्वाचन आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है। आयोग कुछ ही देर में चुनावों की तारीखों की घोषणा करेगा। आयोग लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के...
नेशनल डेस्क: सत्रहवीं लोकसभा की 543 सीटों के लिए चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में होंगे। मतगणना 23 मई को की जायेगी। निर्वाचन आयोग ने रविवार को चुनाव तारीखों की घोषणा की। चुनाव आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनावों की घोषणा के साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है।अरोड़ा ने बताया कि इस बार चुनाव में इस्तेमाल होने वाली सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल किया जायेगा।
जम्मू-कश्मीर में संसदीय चुनाव के साथ नहीं होंगे विधानसभा चुनाव
- करीब 90 करोड़ मतदाता इस चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।
- पिछले चुनाव की तुलना में 8.34 करोड़ नये मतदाता बने हैं जिसमें से डेढ़ करोड़ 18 से 19 वर्ष की आयु के हैं।
- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम विधानसभाओं के चुनाव उन्हीं तिथियों पर होंगे जिन पर वहां लोकसभा सीटों के लिए मतदान होना है।
- इसके अलावा 12 राज्यों की 24 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव भी संबंधित लोकसभा सीटों के चुनाव के साथ होंगे।
- जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव के साथ नहीं होंगे।
- हालांकि जम्मू कश्मीर की अनंतनाग लोकसभा सीट पर सुरक्षा कारणों से मतदान तीन चरणों में होगा।
मोबाइल ऐप के जरिए दी जा सकेगी शिकायत
- पिछली बार नौ चरणों में लोकसभा चुनाव कराये गये थे, लेकिन इस बार सात चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया गया।
- चुनाव की तारीखें तय करते समय राज्य शिक्षा बोर्डों, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, स्थानीय त्योहारों, स्थानीय धार्मिक उपवास दिनों के साथ ही फसलों की कटाई के मौसम तथा मौसम विभाग के पूर्वानुमान को भी ध्यान में रखा गया है।
- ईवीएम मशीनों पर प्रत्याशियों के चुनाव चिह्न और नाम के साथ उनके फोटो भी होंगे ताकि मतदाताओं को आसानी हो।
- आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत करने के लिए एक एंड्रॉयड मोबाइल ऐप जारी किया जायेगा।
- इस बार सोशल मीडिया के जरिये चुनाव प्रचार को भी आचार संहिता के दायरे में लाया गया है। सोशल मीडिया पर प्रचार सामग्री डालने से पहले पूर्व प्रमाणन अनिवार्य किया गया है।
- फेसबुक, ट्विटर, गुगल और यूट्यूब ने लिखित आश्वासन दिया है कि वे बिना प्रमाणन के प्रचार सामग्री को उनके मंच के माध्यम से प्रसारित नहीं होने देंगे और किसी भी आपत्तिजनक सामग्री पर तुरंत कार्रवाई करेंगे।