2100 से ज्यादा राजनीतिक दलों पर चला चुनाव आयोग का डंडा, वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में हुई कार्रवाई

Edited By rajesh kumar,Updated: 26 May, 2022 02:33 PM

election commission s baton against more than 2100 political parties

चुनाव आयोग ने पंजीकृत लेकिन गैरमान्यता प्राप्त ऐसे दो हजार से अधिक राजनीतिक दलों के खिलाफ कारर्वाई प्रारंभ की है जो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम सहित विभिन्न कानूनों में वर्णित प्रावधानों का अनुपालन करने में विफल रहीं हैं।

नेशनल डेस्क: चुनाव आयोग ने पंजीकृत लेकिन गैरमान्यता प्राप्त ऐसे दो हजार से अधिक राजनीतिक दलों के खिलाफ कारर्वाई प्रारंभ की है जो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम सहित विभिन्न कानूनों में वर्णित प्रावधानों का अनुपालन करने में विफल रहीं हैं। चुनाव आयोग ने आज यहां यह जानकारी दी। आयोग के अनुसार हर पंजीकृत दल को पांच प्रकार की कानूनी प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य है जिनमें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29 ग के तहत प्राप्त वित्तीय योगदान की रिपोर्ट दाखिल करना, धारा 29 क 9 के अंतर्गत पार्टी के नाम, मुख्यालय, पता, पदाधिकारियों के नाम, आयकर पैन नंबर आदि की जानकारी समय पर उपलब्ध कराना, लेखा परीक्षित वार्षिक रिपोर्ट दाखिल करना, पार्टी का संविधान का मसौदा साझा करना और पंजीकरण के पांच वर्ष के अंदर चुनाव लड़ना शामिल है। 

आयोग ने बताया कि 2354 आरयूपीपी में से 92 प्रतिशत से अधिक दलों ने 2019 में प्राप्त योगदान की रिपोर्ट नहीं दाखिल की है। 199 आरयूपीपी ने वर्ष 2018-19 में 445 करोड़ रुपए तथा 219 दलों ने वर्ष 2019-20 में 608 करोड़ रुपए की आयकर छूट का दावा किया है। इनमें 66 दलों ने आयकर छूट प्राप्त करने के दावे के साथ प्राप्त योगदान की रिपोर्ट नहीं लगायी है। जबकि 87 आरयूपीपी का अस्तित्व ही नहीं मिला है। वर्ष 2019 के लिए 2056 आरयूपीपी ने वार्षिक लेखापरीक्षित रिपोर्ट दाखिल नहीं की है। आयोग के अनुसार वर्ष 2019 के आम चुनावों में 2354 आरयूपीपी में से केवल 623 पाटिर्यों ने चुनाव लड़ा और 70 फीसदी पाटिर्यां चुनाव में नहीं उतरीं। इसी प्रकार से वर्ष 2021 के विधानसभा चुनावों में भाग लेने वाली 115 आरयूपीपी में से केवल 15 दलों ने चुनाव व्यय रिपोर्ट दाखिल की है।

आयोग के अनुसार सितंबर 2021 में भारत मेें पंजीकृत लेकिन गैरमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) की संख्या 2796 थी जो वर्ष 2000 की तुलना में तीन गुनी से अधिक है। आयोग ने बताया कि कानूनी प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने वाले दलों चेतावनी दी गयी है कि वे 30 दिन के भीतर अपेक्षित दस्तावेज सक्षम प्राधिकार के समक्ष दाखिल करें। तीन दलों के बारे में गंभीर वित्तीय गड़बड़यों में लिप्तता की शिकायतें हैं, उनके खिलाफ चुनाव चिह्न आदेश 1968 के लाभों से वंचित करने एवं अन्य कानून सम्मत आपराधिक कार्यवाही करने के आदेश दिये गये हैं। 87 पाटिर्यों के चुनाव चिह्न रद्द किये गये जाएंगे। बिना प्राप्त योगदान रिपोर्ट आयकर छूट का दावा करने वाले 66 दलों, योगदान रिपोर्ट दाखिल करने वाले 2174 दलों के खिलाफ कारर्वाई करने के आदेश दिये गये हैं।

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