Edited By shukdev,Updated: 18 Jul, 2019 09:09 PM
हालिया लोकसभा चुनावों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), तृणमूल कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के खराब प्रदर्शन को देखते हुए इन पार्टियों के राष्ट्रीय दल के दर्जे पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। चुनाव आयोग ने गुरुवार को उन्हें...
नई दिल्ली: हालिया लोकसभा चुनावों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), तृणमूल कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के खराब प्रदर्शन को देखते हुए इन पार्टियों के राष्ट्रीय दल के दर्जे पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। चुनाव आयोग ने गुरुवार को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण मांगा है। सूत्रों ने कहा कि आयोग ने उनसे इस सवाल का जवाब देने को कहा है कि क्यों न उनका राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया जाए। उनसे पांच अगस्त तक नोटिस का जवाब देने को कहा गया है।
साल 2014 में खराब प्रदर्शन के बाद भाकपा, राकांपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय दल के दर्जे पर तलवार लटकी रही थी। हालांकि 2016 में चुनाव आयोग द्वारा अपने नियमों में संशोधन के बाद इन दलों को राहत मिली थी। नए नियमों में राष्ट्रीय एवं राज्य पार्टी के दर्जे की हर पांच साल के बजाय हर दस साल में समीक्षा की व्यवस्था की गई। दस लोकसभा और कुछ विधानसभा सीटें जीतने के बाद अब बसपा के सामने राष्ट्रीय दल का दर्जा छिनने का संकट नहीं है। फिलहाल, तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, बसपा, भाकपा, माकपा, कांग्रेस, राकांपा और मेघालय की‘नेशनल पीपुल्स पार्टी' को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल है।