Election Diary: छोटे से हिमाचल ने देश को दिए हैं चार मुख्य निर्वाचन आयुक्त

Edited By Anil dev,Updated: 03 Apr, 2019 12:51 PM

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जब देश में पहला चुनाव हुआ था तब हिमाचल में से तीन सांसद चुने गए थे। पहले ही मंत्रिमंडल में मंडी से चुनकर गईं राजकुमारी अमृत कौर स्वास्थ्य मंत्री बनी थीं। उसके बाद हिमाचल में छह लोकसभा सीटें हो गई।

नेशनल डेस्क (संजीव शर्मा ): जब देश में पहला चुनाव हुआ था तब हिमाचल में से तीन सांसद चुने गए थे। पहले ही मंत्रिमंडल में मंडी से चुनकर गईं राजकुमारी अमृत कौर स्वास्थ्य मंत्री बनी थीं। उसके बाद हिमाचल में छह लोकसभा सीटें हो गई।  बाद में  पहले परिसीमन के बाद हिमाचल की चार लोकसभा सीटें हो गईं। यह तमाम इतिहास हो सकता है आपको याद भी हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि छोटे से हिमाचल ने देश को चार मुख्य निर्वाचन आयुक्त भी दिए हैं।  जी हां यह सही है, ऐसे चार  मुख्य निर्वाचन आयुक्त हुए हैं जिनका हिमाचल से गहरा नाता रहा है।  

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लाहौल के डीसी से निर्वाचन आयोग तक 
1958 बैच के आईएएस अफसर एम.एस.गिल 1965 से 1967  के बीच लाहौल -स्पीति के डीसी रहे हैं। एम.एस.गिल 1996 में चुनाव आयुक्त बने थे और  टी एन शेषन के सेवानिवृत होने के बाद उसी साल देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त बन गए थे। वे 2001 तक मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहे और  भारत में ईवीएम से चुनाव की शुरुआत का श्रेय उन्हीं को जाता है।  बाद में गिल केंद्रीय मंत्री भी बने। 1998  के चुनाव के दौरान वे जब हिमाचल आये थे शिमला में पत्रकारों से उन्होंने अपने लाहौल-स्पीति  में बिताए  समय को खूब याद किया था।  गिल देश के 11 वें  मुख्य निर्वाचन आयुक्त थे।  

हिमाचल कॉडर का अफसर भी बना मुख्य निर्वाचन आयुक्त 
गिल के बाद इस पद को सुशोभित करने वाले हिमाचल से सम्बंधित दूसरे अफसर ब्रिज बिहारी यानी बी बी टंडन थे। बी बी टंडन 1965 के बैच के आईएएस थे और उनका कैडर  भी हिमाचल ही था। टंडन ने 16 मई 2005 को देश के 14 वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त का पदभार संभाला था।  वे 29  जून 2006  तक इस पद पर रहे।दिलचस्प ढंग से वे हिमाचल में भी दौरान मुख्य चुनाव अधिकारी  के रूप में काम कर चुके थे।  

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कसौली में पढ़े हैं नवीन चावला 
अप्रैल 2009 में नवीन चावला देश के 16 वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनाए गए। दिल्ली में जन्मे चावला ने 1953 से 1961 तक हिमाचल में ही पढ़ाई की। वे कसौली के  सेंट स्नावर स्कूल के छात्र थे।  करीब एक साल तक मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहे नवीन चावला के ही कार्यकाल में  श्याम शरण नेगी को विधिवत रूप से भारत के प्रथम मतदाता होने  का प्रमाणपत्र मिला था. चावला खुद श्याम शरण नेगी के घर कल्पा गए थे।  अभी वे अक्सर कसौली में अपने स्कूल आते रहते हैं।  

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पहली महिला मुख्य-निर्वाचन आयुक्त का भी हिमाचल कनेक्शन 
वह 26 नवंबर 1990 का दिन था जब देश को पहली मुख्य निर्वाचन आयुक्त मिलीं।  वी एस रमादेवी को यह सम्मान हासिल है। करीब सवा महीने के अल्पसमय के लिए 12 दिसंबर  1990 तक मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहीं वी एस रमादेवी 1997 से 1999  के बीच हिमाचल की राज्यपाल रही हैं। वे यहीं पर बस  जाना चाहती थीं,लेकिन  पारिवारिक कारणों से बाद में कर्नाटक  के राज्यपाल के तौर पर शिफ्ट कर गई थीं।  

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मनीषा नंदा के नाम भी इतिहास 
उधर हिमाचल की  मुख्य चुनाव अधिकारी रहीं मनीषा नंदा के नाम भी एक  दिलचस्प रिकार्ड दर्ज है। मनीषा नंदा किसी भी राज्य की एकमात्र ऐसी  मुख्य चुनाव अधिकारी हैं जिन्होंने  पांच-पांच मुख्य निर्वाचन आयुक्तों के साथ काम किया है।  मनीषा नंदा साल 2002 से 2008 तक हिमाचल की मुख्य चुनाव अधिकारी रही हैं।  इस दौरान उन्होंने जे एम् लिंगदोह, टी एस कृष्णमूर्ति ,बी बी टंडन , एन  गोपालास्वामी, के साथ काम  किया है जबकि उसी दौरान नवीन चावला चुनाव आयुक्त थे जो बाद में मुख्य निर्वाचन आयुक्त भी बने। मनीषा नंदा भी हिमाचल की पहली महिला मुख्य चुनाव अधिकारी रही हैं।  

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