Edited By ,Updated: 12 Mar, 2017 08:48 AM
विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजों में गोवा और मणिपुर दोनों में से किसी भी राज्य को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है।
नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजों में गोवा और मणिपुर दोनों में से किसी भी राज्य को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। इस वजह से कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दोनों की ही तरफ से सरकार बनाने का दावा किया जा रहा है। गोवा की 40 सीटों में से कांग्रेस को सिर्फ 17 सीटें मिली हैं। 13 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर है। इसके अलावा गोवा फारवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और निर्दलीय को भी तीन-तीन सीटें मिली हैं। इसके अलावा एक सीट राकांपा (एनसीपी) के हिस्से है। एमजीपी भाजपा की पूर्व सहयोगी भी रह चुकी है। सरकार बनाने के लिए 21 विधायकों की जरूरत है।
दूसरी तरफ मणिपुर में कांग्रेस को 60 में से 28 सीटें मिली हैं। वहां कांग्रेस लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीती है लेकिन उसको भाजपा ने 21 सीटों पर जीत दर्ज करके कड़ी टक्कर दी है। वर्ष 2012 के चुनाव में तो मणिपुर में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली थी। मणिपुर में सरकार बनाने के लिए कुल 31 विधायकों की जरूरत है। इस वक्त भाजपा पूर्व स्पीकर पीए संगमा की पार्टी एनपीपी, राम विलास पासवान की पार्टी एलजेपी और नागा पीपल फ्रंट (एनपीएफ) को अपनी तरफ मिलाना चाहती है क्योंकि तीनों ही एनडीए का हिस्सा भी हैं।
दोनों की पार्टियों की तरफ से तृणमूल के विधायक को अपनी तरफ आने के लिए कहा जा रहा है। पूरे मामले पर कांग्रेस की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, हम लोगों को उम्मीद है कि गवर्नर नजमा हेपतुल्लाह सबसे पहले हमको ही सरकार बनाने का न्योता देकर बुलाएंगी।