#ElectionResults इन दिग्गजों को करना पड़ा हार का सामना

Edited By ,Updated: 11 Mar, 2017 04:27 PM

election results 2017  these leaders had to face defeat

राजनीतिक दृष्टि से देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा का वनवास खत्म हो गया और पार्टी 14 साल बाद सत्ता में धमाकेदार वापसी कर नया इतिहास रचने जा रही है।

नई दिल्लीः राजनीतिक दृष्टि से देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा का वनवास खत्म हो गया और पार्टी 14 साल बाद सत्ता में धमाकेदार वापसी कर नया इतिहास रचने जा रही है। भाजपा ने बिखरे विपक्ष को धूल चटा दी जिसे उम्मीद थी कि नोटबंदी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता में सेंध लगा देगी।   उत्तर प्रदेश में पिछले 14 सालों में सपा और बसपा की सरकारें रही थीं ।  गोवा और मणिपुर में भी भाजपा का कड़ा मुकाबला है और कांग्रेस को पंजाब में सांत्वना पुरस्कार से संतोष करना पड़ा है जहां उसकी सरकार बनना तय है। इन नतीजों से एक बात तो साबित हो गई है कि प्रधानमंत्री ने खुद को भारत में स्पष्ट रूप से प्रमुख नेता के रूप में स्थापित कर लिया है।’’ पांच विधानसभा चुनावों में जहां पार्टियों को अप्रत्याशित नतीजों का सामना करना पड़ रहा है वहीं चुनावी मैदान में उतरे कई दिग्गज नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है।

इनको करना पड़ा हार का सामना

मुख्यमंत्री हरीश रावत
हरिद्वार ग्रामीण सीट और किच्छा, दोनों जगहों से मुख्यमंत्री हरीश रावत हार गए हैं।

लक्ष्मीकांत पारसेकर
गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर को भी हार का मुंह देखना पड़ा।
पारसेकर को मनोहर पर्रिकर के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद नवंबर, 2014 में गोवा का मुख्यमंत्री बनाया गया था।

इरोम शर्मिला
मणिपुर में अपनी नई पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने वाली इरोम शर्मिला को भी मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के सामने हार का मुंह देखना पड़ा।

अरविंद केजरीवाल
आप के संजोयक अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं ने पंजाब  और गोवा में अपनी जीत का दावा ठोका था, लेकिन उन्हें परिणाम मन मुताबिक नहीं मिले। पंजाब में आम आदमी पार्टी को 21 सीटें ही मिल पाई हैं, जबकि गोवा में उनका खाता तक नहीं खुला। यह पार्टी की उम्मीदों को एक बड़ा झटका है।

राहुल गांधी
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने इस पूरे चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उनकी नीतियों की कड़ी आलोचना की और उनके बयानों को लेकर तंज भी कसा। लेकिन समाजवादी पार्टी के साथ किए गए उनके गठबंधन और यूपी को ये साथ पसंद है का नारा शायद पसंद नहीं आया।

हालांकि दल बदल कर भाजपा में गईं रीता बहुगुणा जोशी ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ से जीत हासिल की है। वो कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष थीं और चुनावों से पहले बीजेपी में शामिल हो गई थीं।

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