चुनावी बॉंड राजनीतिक भ्रष्टाचार को जायज बनाने का तरीका : माकपा

Edited By shukdev,Updated: 22 Nov, 2019 05:26 PM

electoral bond is a way to justify political corruption cpim

माकपा ने राजनीति दलों के चंदा जुटाने के लिए शुरू की गई चुनावी बॉंड की व्यवस्था पर सरकार को घेरते हुए शुक्रवार को कहा है कि यह राजनीतिक भ्रष्टाचार को जायज बनाने का तरीका है। माकपा पोलित ब्यूरो ने चुनावी बॉंड पर रिजर्व बैंक और चुनाव आयोग के विरोध...

नई दिल्ली: माकपा ने राजनीति दलों के चंदा जुटाने के लिए शुरू की गई चुनावी बॉंड की व्यवस्था पर सरकार को घेरते हुए शुक्रवार को कहा है कि यह राजनीतिक भ्रष्टाचार को जायज बनाने का तरीका है। माकपा पोलित ब्यूरो ने चुनावी बॉंड पर रिजर्व बैंक और चुनाव आयोग के विरोध को सरकार द्वारा कथित तौर पर दरकिनार करने और इस बारे में संसद को गलत जानकारी देने संबंधी मीडिया में आई खबरों के हवाले से कहा कि चुनावी बॉंड से सत्ताधारी दल को गोपनीय तरीके से जो बेतहाशा वित्तीय लाभ हुआ है, उसे कानून की नजर में घोटाला माना जाएगा। पार्टी ने कहा कि इससे एक बार फिर साबित हो गया है कि कानून बनाकर शुरू किए गए भ्रष्टाचार को तत्काल प्रभाव से बंद करना होगा। 

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी ट्वीट कर कहा,‘चुनावी बॉंड को बंद किया जाए। इन बॉंड के माध्यम से राजनीतिक भ्रष्टाचार को जायज बनाया गया है और इनसे जुटाई गई इस राशि से पीएम मोदी के निर्देश पर नियमों को ताक पर रखकर जनप्रतिनिधियों की खरीद फरोख्त हुई।' येचुरी ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘जब कभी भी भाजपा को पैसे की जरूरत महसूस हुई तब सरकार अपने ही बनाए नियमों का उल्लंघन कर ये बॉंड जारी कर देती है। माकपा पोलित ब्यूरो ने भी चुनावी बॉंड की व्यवस्था को खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र के हित और चुनाव प्रक्रिया की शुचिता को ध्यान में रखते हुए चुनावी बॉंड को तत्काल प्रभाव से निष्प्रभावी घोषित करना चाहिए।

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