Edited By Tanuja,Updated: 03 Feb, 2021 02:55 PM
म्यांमार में तख्तापलट का भारत सहित दुनिया के कई देशों ने विरोध किया है। अमेरिका ने जहां म्यांमार पर पाबंदियां लगाने की चेतावनी दी है वहीं भारत ने म्यांमार में अपने नागरिकों के लिए चिंता जताते हुए नई यात्रा एडवाइजरी जारी की है...
इंटरनेशनल डेस्कः म्यांमार में तख्तापलट का भारत सहित दुनिया के कई देशों ने विरोध किया है। अमेरिका ने जहां म्यांमार पर पाबंदियां लगाने की चेतावनी दी है वहीं भारत ने म्यांमार में अपने नागरिकों के लिए चिंता जताते हुए नई यात्रा एडवाइजरी जारी की है। यांगून स्थित भारतीय दूतावास ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट एवं इसके बाद हुए राजनीतिक घटनाक्रम के बाद एडवाइजरी जारी कर वहां रह रहे सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे आवश्यक सावधानी बरतें और अनावश्यक यात्रा से बचें।
दूतावास ने म्यांमार में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के संबंध में म्यामां में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए संदेश शीर्षक वाले परामर्श में कहा, म्यांमार में हालिया घटनाक्रम के मद्देनजर सभी भारतीय नागरिक आवश्यक सावधानियां बरतें और अनावश्यक यात्रा से बचें। परामर्श में कहा गया कि वे आवश्यकता पड़ने पर दूतावास के संपर्क कर सकते हैं। इससे पहले, भारत ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट और शीर्ष नेताओं को हिरासत में लिए जाने पर सोमवार को गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि देश में कानून का शासन बना रहना चाहिए और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने म्यांमार के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि भारत म्यांमार में हालात पर निकटता से नजर रख रहा है और वह म्यांमार में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया का हमेशा समर्थक रहा है। उल्लेखनीय है कि म्यामांर में सेना ने सोमवार को तख्तापलट किया और देश की शीर्ष नेता आंग सान सू ची समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। भारतीय दूतावास के अनुसार, म्यामांर में करीब 7,000 एनआरआई रह रहे हैं और वहां भारतीय मूल के लोगों की संख्या 15 लाख से 25 लाख के बीच हो सकती है।