8वीं तक फेल नहीं करने की नीति खत्म, दोबारा एग्जाम का मिलेगा मौका

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Aug, 2017 12:29 PM

end of failing policy till 8th class

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठवीं कक्षा तक के छात्रों को अनुत्तीर्ण न करने की नीति खत्म करने को मंजूरी दे दी।

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठवीं कक्षा तक के छात्रों को फेल न करने की नीति खत्म करने को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल ने साथ ही देश में विश्व स्तर के 20 संस्थानों के निर्माण की मानव संसाधन विकास मंत्रालय की योजना को भी अपनी मंजूरी दे दी। इसे लेकर बाल निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार संशोधन विधेयक में एक प्रावधान बनाया जाएगा जिससे राज्यों को साल के अंत में होने वाली परीक्षा में फेल होने पर छात्रों को पांचवीं और आठवीं कक्षा में रोकने की मंजूरी मिल जाएगी।

दोबारा एग्जाम का मिलेगा मौका
छात्रों को कक्षाओं में रोकने से पहले एक परीक्षा के जरिए सुधार का एक दूसरा मौका दिया जाएगा। विधेयक अब मंजूरी के लिए संसद में पेश किया जाएगा।
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5वीं से 8वीं तक नहीं किया जाता था फेल
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मौजूदा प्रावधान के तहत छात्र परीक्षा में बिना पास हुए ही 5वीं क्लास से लेकर 8वीं तक अगली क्लास में पहुंच जाते थे। यह एक अप्रैल, 2011 को लागू हुए अधिनियम के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
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फिर फेल होने पर सुनहरा मौका नहीं
अगर छात्र दोनों प्रयासों में फेल रहते हैं, तो उन्हें उसी कक्षा में रोक लिया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पहले कहा था कि 25 राज्य पहले ही इस कदम के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि कक्षा एक से 8वीं तक छात्रों को नहीं रोकने की नीति से वे प्रभावित हुए हैं। शिक्षा राजनीतिक एजेंडा नहीं है। यह एक राष्ट्रीय एजेंडा है। सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए शिक्षा शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि प्रारंभिक शिक्षा ही बच्चों का बेस बनाती है।

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