Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Oct, 2018 12:18 PM
भारतीय रेलवे की 30 साल पुरानी शताब्दी एक्सप्रैस का स्थान लेने वाली ‘ट्रेन18’ आगामी 29 अक्तूबर को पटरियों पर परीक्षण के लिए उतरेगी। यह देश की पहली ‘इंजन-रहित’ ट्रेन होगी। इसकी तकनीकी विशिष्टताओं के चलते इसकी गति सामान्य ट्रेन से अधिक होगी।
चेन्नई: भारतीय रेलवे की 30 साल पुरानी शताब्दी एक्सप्रैस का स्थान लेने वाली ‘ट्रेन18’ आगामी 29 अक्तूबर को पटरियों पर परीक्षण के लिए उतरेगी। यह देश की पहली ‘इंजन-रहित’ ट्रेन होगी। इसकी तकनीकी विशिष्टताओं के चलते इसकी गति सामान्य ट्रेन से अधिक होगी। कुल 16 कोच वाली यह ट्रेन सामान्य शताब्दी ट्रेन के मुकाबले कम वक्त लेगी। इस ट्रेन को शहर में स्थित इंटिग्रल कोच फैक्टरी (आई.सी.एफ.) द्वारा 18 महीने में विकसित किया गया है। आई.सी.एफ. के महाप्रबंधक सुधांशु मणि ने बताया कि इसकी प्रतिकृति बनाने में 100 करोड़ रुपए की लागत आई और बाद में इसके उत्पादन की लागत कम हो जाएगी। इसका अनावरण 29 अक्तूबर को किया जाएगा। इसके बाद 3 या 4 दिन फैक्टरी के बाहर इसका परीक्षण किया जाएगा और बाद में इसे रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आर.डी.एस.ओ.) को आगे के परीक्षण के लिए सौंप दिया जाएगा।
ऑटोमैटिक दरवाजे और CCTV कैमरे
‘ट्रेन18’ में जी.पी.एस. आधारित यात्री सूचना प्रणाली के अलावा अलग तरह की लाइट, ऑटोमैटिक दरवाजे और सी.सी.टी.वी. कैमरे लगे होंगे। इस ट्रेन के मध्य में दो एग्जीक्यूटिव कंपार्टमैंट होंगे। प्रत्येक में 52 सीटें होंगी। वहीं सामान्य कोच में 78 सीटें होंगी।
160 कि.मी. प्रति घंटा होगी रफ्तार
शताब्दी की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटा है जबकि यह 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक चल सकेगी। यदि ‘ट्रेन18’ की गति के मुताबिक पटरी बना ली जाए तो यह शताब्दी एक्सप्रैस के मुकाबले 15 प्रतिशत कम समय लेगी।