Edited By Yaspal,Updated: 19 Aug, 2018 07:43 PM
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से पर्यावरण मंत्री ‘‘मंजूरी मंत्री’’ हो गये हैं।
नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से पर्यावरण मंत्री ‘‘मंजूरी मंत्री’’ हो गये हैं। संप्रग के शासन काल में रमेश के पास पर्यावरण मंत्रालय था। उन्होंने दलील दी कि पर्यावरण मंत्री का काम पर्यावरण का संरक्षण है ना कि ‘‘हर प्रस्ताव को स्वीकृति देना’’।
देश के अग्रणी पर्यावरण संरक्षणकर्ता ए.जे.टी. जॉनसिंह की किताब ‘‘ऑन जिम कार्बेट ट्रायल : एंड अदर टेल्स फ्रॉम जंगल’’ के विमोचन पर रमेश ने कहा कि अगर मौजूदा पर्यावरण मंत्री के लिये ‘‘सफलता का पैमाना उनके द्वारा दी गयी मंजूरियों की संख्या है तो वह अपना काम नहीं कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या कोई पर्यावरण मंत्री है? मेरा मतलब है कि वर्ष 2014 के बाद से पर्यावरण मंत्री सिर्फ मंजूरी मंत्री बन गये हैं। अगर पर्यावरण मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह कह रहे हैं कि मैंने हजारों-हजार की संख्या में परियोजनाओं को मंजूरी दी है... तो वह अपना काम नहीं कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि जब मैं पर्यावरण मंत्री था तब हमेशा खुद को ‘‘पूछे गये सवालों, आपत्तियों, मार्ग में आयी अड़चनों’’ से आंकता था, ना कि दी गयी मंजूरियों से। रमेश कांग्रेस नीत सरकार में मई 2009 से जुलाई 2011 तक पर्यावरण मंत्री थे।