Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Feb, 2018 10:14 AM
ब्रिटेन सरकार विदेशी नागरिकों और छात्रों पर बोझ बढ़ाने की तैयारी कर रही है । यूरोपीय संघ (ईयू ) के देशों से बाहर से लंबे समय के लिए आने वाले एक तथाकथित दरअसल ब्रिटेन सरकार ‘हेल्थ सरचार्ज’ दोगुना करने का फैसला किया है।
लंदन: ब्रिटेन सरकार विदेशी नागरिकों और छात्रों पर बोझ बढ़ाने की तैयारी कर रही है । यूरोपीय संघ (ईयू ) के देशों से बाहर से लंबे समय के लिए आने वाले एक तथाकथित दरअसल ब्रिटेन सरकार ‘हेल्थ सरचार्ज’ दोगुना करने का फैसला किया है। ब्रिटेन के इस कदम से भारत भी प्रभावित होगा। हालांकि इससे पहले मंत्रियों ने दावा किया था कि यह सरचार्ज दोगुना न बढ़ाकर तीन गुना बढ़ाया जाएगा, लेकिन सरकार ने इसे दोगुना रखने का ही फैसला किया। अब सरकार के इस फैसले के बाद ईयू के बाहर के देशों से आने वाले नागरिकों को अपनी जेबें और ढीली करनी पड़ेंगी।
दरअसल, अप्रैल 2015 में पेश किए गए सरचार्ज को 200 पाउंड से बढ़ा कर प्रति वर्ष 400 पाउंड कर दिया गया है। वहीं, छात्रों के लिए रियायती दर 150 पाउंड से बढ़ा कर 300 पाउंड कर दिया गया है। ब्रिटेन में कामकाज, पढ़ाई या परिवार के सदस्यों के साथ 6 महीने या अधिक समय तक ठहरने वाले ईयू से बाहर के सभी आगंतुकों द्वारा यह सरचार्ज चुकाया जाता है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल विभाग की योजना इस वृद्धि को इस साल के आखिर से प्रभावी बनाने की है ताकि सरकार से वित्त प्राप्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के लिए अतिरिक्त कोष जुटाया जा सके, जो कोष की कमी का सामना कर रहा है।
ब्रिटेन की आव्रजन मामलों की मंत्री केरोलीन नोक्स ने कहा कि अधिभार स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच की पेशकश करता है जो कई अन्य देशों की तुलना में कहीं अधिक व्यापक और कम लागत वाली है। इससे प्राप्त होने वाली आय सीधे एनएचएस सेवाओं में जाएगी। प्राक्लन विभागों के मुताबिक एनएचएस सरचार्ज अदा करने वाले लोगों के इलाज पर प्रतिवर्ष औसतन 470 पाउंड खर्च करता है।