कोविड-19 नियमों का पालन नहीं करने, संक्रमित होने पर भी रेल यात्रा करने पर हो सकती है जेल

Edited By Pardeep,Updated: 14 Oct, 2020 09:54 PM

even after getting infected there may be jail for traveling on rail

मास्क नहीं पहनने, कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने और जांच में संक्रमित होने की पुष्टि हो जाने के बाद भी ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों पर रेल अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है, उन्हें

नई दिल्लीः मास्क नहीं पहनने, कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने और जांच में संक्रमित होने की पुष्टि हो जाने के बाद भी ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों पर रेल अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है, उन्हें जुर्माना भरना पड़ सकता है और यहां तक की कैद की भी सजा हो सकती है। रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने बुधवार को यह जानकारी दी। 

आरपीएफ ने विशेष रूप से आगामी त्योहारी मौसम के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिशा-निर्देशों में यात्रियों से रेल परिसरों में कुछ गतिविधियां करने से बचने को कहा गया है। इनमें मास्क नहीं पहनना या सही तरीके से नहीं पहनना, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं करना, कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो जाने के बाद या जांच के नतीजे लंबित रहने के दौरान रेल क्षेत्र में या स्टेशन पर आने या ट्रेन में सवार होने या स्टेशन पर स्वास्थ्य टीम द्वारा यात्रा की अनुमति नहीं दिये जाने पर भी ट्रेन में सवार हो जाना आदि शामिल हैं।

आरपीएफ ने कहा कि सार्वजनिक स्थल पर थूकना भी गैरकानूनी है। रेलवे स्टेशनों पर एवं ट्रेनों में अस्वच्छ परिस्थितियां पैदा कर सकने वाली गतिविधियों में संलिप्त होना या जन स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को प्रभावित करना तथा कोराना वायरस संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए रेल प्रशासन द्वारा जारी किसी दिशा-निर्देश का पालन नहीं करने जैसी गतिविधियों की भी अनुमति नहीं होगी। 

आरपीएफ ने एक बयान में कहा कि चूंकि ये गतिविधियां या कृत्य कोरोना वायरस के प्रसार को बढ़ा सकती है और किसी व्यक्ति की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए इन गतिविधियों में संलिप्त पाये जाने वाले लोगों को रेल अधिनियम की धारा 145,153 और 154 के तहत दंडित किया जा सकता है। 

रेल अधिनियम की धारा 145 (नशे में होना या उपद्रव करना) के तहत अधिकतम एक महीने की कैद, धारा 153 (जानबूझ कर यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिये जुर्माने के साथ अधिकतम पांच साल की कैद और धारा 154 (लापरवाह कृत्यों से अन्य यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालना) के तहत एक साल तक की कैद या जुर्माना, या दोनों सजा साथ में दिये जाने का प्रावधान है।

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