Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Oct, 2020 09:42 AM
दिल्ली-एनसीआर के लोगों को प्रदूषण से हल्की राहत मिली है, हालांकि वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (CPCB) द्वारा बुधवार को जारी डाटा के मुताबिक दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता स्तर 270 दर्ज किया गया जो कि खराब...
नेशनल डेस्कः दिल्ली-एनसीआर के लोगों को प्रदूषण से हल्की राहत मिली है, हालांकि वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (CPCB) द्वारा बुधवार को जारी डाटा के मुताबिक दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता स्तर 270 दर्ज किया गया जो कि खराब श्रेणी में आता है। आज सुबह भी दिल्ली में स्मॉग की घनी चादर छाई हुई दिखाई दी। वायु गुणवत्ता पर निगरानी रखने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी 'सफर' ने कहा कि बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में हल्का सुधार रहेगा लेकिन गुरुवार को एक बार फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है।
दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाए जाने की हिस्सेदारी मंगलवार को बढ़कर 23 प्रतिशत हो गई, जोकि इस मौसम की सर्वाधिक है 'सफर' ने बताया कि सोमवार को यह 16 प्रतिशत जबकि रविवार को 19 प्रतिशत थी। सफर ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने के मामलों की संख्या सोमवार को 1943 रही, जो इस सीजन में सबसे अधिक है। बहरहाल सफर ने कहा कि हवा की रफ्तार बढ़ने से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर है और इसकी अधिकतम गति 15 किलोमीटर प्रति घंटा है।
वहीं ICMR ने कहा कि यूरोप और अमेरिका में शोध से पता चला है कि अधिक समय तक वायु प्रदूषण का सामना करने से कोविड-19 के कारण मौत के मामले बढ़ सकते हैं। ICMR ने कहा कि यूरोप और अमेरिका में प्रदूषित क्षेत्रों और लॉकडाउन के दौरान मृत्यु दर की तुलना की गई और प्रदूषण के साथ उनका संबंध देखा तो पाया कि Covid-19 से होने वाली मृत्यु में प्रदूषण का स्पष्ट योगदान है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषण के उच्च स्तर से कोविड-19 महामारी की स्थिति और खराब हो सकती है।