Edited By Anil dev,Updated: 20 May, 2019 12:30 PM
सातवें चरण का मतदान खत्म होने के पहले ही केंद्र में सरकार बनाने को लेकर विपक्ष को एक करने की कवायद को कल शाम आए एग्जिट पोल के नतीजे से गहरा धक्का लगा है। विपक्षी एकता के पैरोकार और इसके लिए सबसे अधिक सक्रिय आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू...
नई दिल्ली: सातवें चरण का मतदान खत्म होने के पहले ही केंद्र में सरकार बनाने को लेकर विपक्ष को एक करने की कवायद को कल शाम आए एग्जिट पोल के नतीजे से गहरा धक्का लगा है। विपक्षी एकता के पैरोकार और इसके लिए सबसे अधिक सक्रिय आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से कल तक विचार- विमर्श करने वाले महाराष्ट्र के नेता शरद पवार ने कह दिया है कि इस मसले पर बातचीत अब 23 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद ही किया जाएगा।
चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमले करने वाली उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी आज दिल्ली में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है। बसपा नेता सताश चंद्र मिश्रा ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मायावती का आज दिल्ली जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है, वह आज दिन भर लखनऊ में ही रहेंगी। लोकसभा चुनाव के परिणाम में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में सरकार बनाने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए पिछले शुक्रवार से ही चंद्रबाबू नायडू काफी सक्रिय हो गए है। सबसे पहले दिल्ली आकर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की उसके बाद लखनऊ जाकर वह सपा नेता अखिलेश यादव और मायावती से मिले।
लखनऊ से दिल्ली लौटकर उन्होंने फिर राहुल गांधी और सीपीआई नेता सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की। लेकिन कल शाम आए एग्जिट पोल के नतीजों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनजीए की सरकार के दोबारा बनने की भविष्यवाणी के बाद विपक्षी एकता में दरार पड़ गई है और मायावती और शरद पवार ने इनसे कमसे कम चुनाव परिणाम आने तक के लिए किनारा कर लिया है।