दिल्ली में प्रदूषण से शुक्रवार से राहत मिलने की उम्मीद

Edited By shukdev,Updated: 13 Nov, 2019 05:59 PM

expect relief from pollution in delhi from friday

पराली जलाने की घटनाओं में कमी और नए सिरे से पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवाओं की गति बढ़ने से दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति में सुधार की संभावना है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानीकर्ता सफर ने बुधवार को यह जानकारी दी। सफर ने जानकारी दी...

नई दिल्ली: पराली जलाने की घटनाओं में कमी और नए सिरे से पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवाओं की गति बढ़ने से दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति में सुधार की संभावना है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानीकर्ता सफर ने बुधवार को यह जानकारी दी। सफर ने जानकारी दी है कि मंगलवार को दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की केवल 480 घटनाएं दर्ज की गईं और दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी गुरूवार को कम होकर 13 फीसदी तक गिरने की संभावना है। सफर ने बताया,‘ अफगानिस्तान और पड़ोसी इलाकों के ऊपर चक्रवाती तूफान के कारण नए सिरे से पश्चिमी विक्षोभ बन रहा है। अगले दो दिन में इसका असर उत्तर पश्चिमी भारत पर पड़ेगा और इससे शुक्रवार तक हवा की रफ्तार बढ़ेगी।'

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बुधवार की रात में वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब होने की आशंका है लेकिन यह ‘गंभीर' श्रेणी तक ही सीमित रहेगा। सफर ने कहा है कि हवा की ‘बहुत खराब' श्रेणी में 16 नवंबर तक ही सुधार होने की संभावना है। गौरतलब है कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोग पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने और मौसम के खराब हालात के कारण साफ हवा को तरस गए। इसके चलते प्रदूषण स्तर पिछले 15 दिनों में तीसरी बार ‘आपात' स्थिति में पहुंच गया। 

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स्कूलों के खुले होने के कारण बड़ी संख्या में बच्चे खतरनाक प्रदूषण की चपेट में आ रहे हैं। सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरूनानक देव जी के 550वें प्रकाश वर्ष के अवसर पर दो दिन की छूट के बाद बुधवार से सम विषम योजना फिर से लागू हो गई। बुधवार की शाम तीन बजकर 30 मिनट पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 454 था। 486 एक्यूआई के साथ रोहिणी दिल्ली का सर्वाधिक प्रदूषित इलाका रहा। इसके बाद नेहरू नगर 484 और गुरूग्राम 483 का नंबर रहा। 

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गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 0-50 के बीच ‘अच्छा', 51-100 के बीच ‘संतोषजनक', 101-200 के बीच ‘मध्यम', 201-300 के बीच ‘खराब', 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब', 401-500 के बीच ‘गंभीर' और 500 के पार ‘बेहद गंभीर एवं आपात' माना जाता है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, तापमान में कमी और हवाओं की धीमी गति के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में एकत्र हो गए। बादल छाए रहने के कारण यह समस्या और बढ़ गई।

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