Edited By Pardeep,Updated: 28 Aug, 2019 04:51 AM
शीला दीक्षित के निधन के बाद पिछले एक माह से खाली पड़े प्रदेश अध्यक्ष पद पर अब जल्द ही नियुक्ति कर दी जाएगी। सूत्रों की मानें तो अध्यक्ष की नियुक्ति पर फैसला इसी सप्ताह ले लिया जाएगा। साथ ही जिस किसी नेता को अब दिल्ली की कमान सौंपी जाएगी, वह दिल्ली...
नई दिल्ली: शीला दीक्षित के निधन के बाद पिछले एक माह से खाली पड़े प्रदेश अध्यक्ष पद पर अब जल्द ही नियुक्ति कर दी जाएगी। सूत्रों की मानें तो अध्यक्ष की नियुक्ति पर फैसला इसी सप्ताह ले लिया जाएगा।
साथ ही जिस किसी नेता को अब दिल्ली की कमान सौंपी जाएगी, वह दिल्ली की राजनीति के बारे में पूरी तरह से जानकारी रखने वाला ही होगा। इस बाबत दिल्ली कांग्रेस के जिलाध्यक्षों की मंगलवार की शाम पार्टी हाईकमान के आवास पर एक खास बैठक हुई। बैठक में दिल्ली के 14 जिलों में से 10 जिला अध्यक्ष शामिल हुए। बैठक में दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको भी शामिल थे। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर चर्चा की।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में सभी जिलाध्यक्षों की ओर से सोनिया गांधी को दिल्ली के वर्तमान सियासी हालात के बारे में भी बताया गया। पार्टी हाईकमान के साथ बैठक का सिलसिला शाम पौने छह बजे के करीब शुरू हुआ जो करीब 20-25 मिनट तक चला। बैठक में अधिकांश जिला अध्यक्षों का कहना था कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव कुछ माह बाद होने वाले हैं। अत: प्रदेश का अध्यक्ष बनाने का फैसला जल्द से जल्द लिया जाना चाहिए।
एक जिलाध्यक्ष ने कहा कि संगठन का अध्यक्ष नहीं होने की वजह से इस समय कामकाज हल्के तरीके से चल रहा है और इससे संगठन को नुकसान पहुंच रहा है। सोनिया गांधी से बातचीत के दौरान सभी जिलाध्यक्षों ने एकमत से कहा कि प्रदेश का अध्यक्ष किसी ऐसे नेता को नियुक्त किया जाए, जो पार्टी को गुटबाजी से बचाकर मजबूती प्रदान कर सके और आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को मजबूती प्रदान कर सके।
सभी के विचार सुनने के बाद सोनिया गांधी का सिर्फ इतना ही कहना था कि इस बारे में फैसला इसी सप्ताह ले लिया जाएगा। माना जा रहा है कि दिल्ली कांग्रेस की राजनीति में अभी तक जो इस तरह की अफवाहें चल रही थी कि किसी बाहरी दिल्ली जैसे नवजोत सिंह सिद्धू या बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा को भी दिल्ली की कमान सौंपी जा सकती है, लेकिन मंगलवार को पार्टी हाईकमान से हुई बातचीत के बाद इस तरह की सभी चर्चाएं निराधार साबित होती प्रतीत हो रही हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बैठक के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्षों की एक बैठक सोनिया गांधी के साथ होने वाली थी, लेकिन किसी कारणवश बैठक स्थगित कर दी गई। पता चला है कि बुधवार या वीरवार को यह मुलाकात होने के बाद पार्टी हाईकमान द्वारा इसकी घोषणा कर दी जाएगी।