कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना पलट सकती है पासा: विशेषज्ञ

Edited By vasudha,Updated: 27 Mar, 2019 06:16 PM

expert says minimum income plan can change the plan

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का न्यूनतम आय योजना (न्याय) का चुनावी वादे से बेशक रातों रात गरीबी समाप्त नहीं होगी लेकिन अगर यह योजना लागू होती है तो यह भारत में गरीबी दूर करने में पासा पटलने वाली साबित हो सकती है...

नेशनल डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का न्यूनतम आय योजना (न्याय) का चुनावी वादे से बेशक रातों रात गरीबी समाप्त नहीं होगी लेकिन अगर यह योजना लागू होती है तो यह भारत में गरीबी दूर करने में पासा पटलने वाली साबित हो सकती है। पेरिस स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब के सह- निदेशक लुकस चांसेल ने बुधवार को यह बात कही। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि योजना को लागू करने के लिये काफी बड़ी राशि की आवश्यकता होगी। यह धन कहां से आयेगा इस बारे में फिलहाल कोई ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया है।  

विशेषज्ञों ने किया प्रस्ताव का स्वागत 
विशेषज्ञों ने गरीबों के जीवन स्तर को बढ़ाने वाले इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह योजना के वित्तपोषण के लिए 0.1 प्रतिशत शीर्ष अमीरों (2.5 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति वाले) पर सालाना 2 प्रतिशत का संपत्ति कर लगा सकती है। जाने- माने अर्थशास्त्री ने बताया कि न्यूनतम आय योजना से बेशक रातोंरात गरीबी दूर नहीं होगी लेकिन यह पासा पटलने वाली योजना साबित हो सकती है। 

देश को बड़े कर सुधारों की आवश्यकता
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्राध्यापक अभिजीत बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस की आय योजना की लागत जीडीपी के 1 प्रतिशत तक होगी जो कि फिलहाल मौजूदा समय के लिहाज से बजट की गुंजाइश से बाहर की बात है। उन्होंने कहा कि हमें बड़े कर सुधारों की आवश्यकता है। एक राष्ट्र के रूप में हमारी महत्वाकांक्षाओं को देखते हुये हम कम कर लगाते हैं।  

योजना के लिए चाहिए बड़ी राशि 
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिय़ा ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या की बात यह है कि इस योजना की अवधारणा ‘कामधेनु अर्थशास्त्र‘ से निकली है। योजना में यह मान लिया गया है कि अर्थव्यवस्था वह सब देती रहेगी जो भी राशि सरकारी राजस्व से मांगी जाती रहेगी। दुर्भाग्य से अर्थव्यवस्था कामधेनु नहीं है। पनगढिय़ा ने जोर देते हुये कहा कि इस योजना के लिए सालाना 3.6 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी, जो कि 2019-20 में केंद्र सरकार के कुल बजटीय व्यय का 13 प्रतिशत है। इतनी बड़ी राशि का इंतजाम करने के लिए कांग्रेस किस खर्च में कटौती करेगी? इस बारे में हमारे पास कोई ब्यौरा नहीं है।

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