FB पर 27 करोड़ से ज्यादा अकाउंट हैं Fake, आधे से ज्यादा का इस्तेमाल ‘हुस्न के जाल’ के लिए

Edited By Anil dev,Updated: 29 Oct, 2019 12:13 PM

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भारत में ब्लैकमेलिंग और रुपए ऐंठने के लिए हनी ट्रैप के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसमें कई बड़े अफसर, इंजीनियर और राजनीतिक नेता तक फंस चुके हैं। इससे बचने की जरूरत है।

नई दिल्ली: भारत में ब्लैकमेलिंग और रुपए ऐंठने के लिए हनी ट्रैप के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसमें कई बड़े अफसर, इंजीनियर और राजनीतिक नेता तक फंस चुके हैं। इससे बचने की जरूरत है। जून महीने में इस बात का पर्दाफाश हुआ था कि फेसबुक के जरिए पाकिस्तान द्वारा जासूसी की जा रही है। फेसबुक पर सेजल कपूर नाम से अकाऊंट बनाने वाले एक पाकिस्तानी जासूस ने भारतीय आर्मी, नेवी, एयरफोर्स, पैरामिलिट्री के 98 अफसरों को अपने जाल में फंसाया था। 2015 और 2018 के बीच इस हैकर ने इतनी बड़ी संख्या में भारतीय अधिकारियों के कम्प्यूटर सिस्टम्स को हैक कर लिया था।

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हनी ट्रैप की पुरानी चालों के साथ अधिकारियों को चपेट में लिया
 सेजल कपूर ने इन अधिकारियों में अधिकांश पुरुषों को हनी ट्रैप की पुरानी चालों के साथ चपेट में लिया। 2018 में ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़े कुछ खुफिया दस्तावेजों के लीक होने के पीछे इसी हैकर का हाथ था। इस हैकर ने इन अफसरों के कम्प्यूटर सिस्टमों को किसी पश्चिमी एशियाई देश के थर्ड पार्टी सर्वर के जरिए अपने फोटोज और पिक्चर के जरिए हैक किया था। सेजल कपूर नाम की यह हैकर ‘व्हिस्पर’ नाम के एक ‘मालवेयर’(एक सॉफ्टवेयर) का इस्तेमाल करती थी। मालवेयर एक ऐसा डिजाइन्ड वायरस है जो किसी भी कम्प्यूटर को उसके ऑनर के जाने बिना हैक कर सकता है या उसे नुक्सान पहुंचा सकता है।

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हैकर के चैट्स और ई-मेल आए सामने 
इस हैकर के चैट्स और ई-मेल सामने आने से पता चला है कि वह अपने टार्गेट को व्हिस्पर इंस्टॉल कर डैस्कटॉप पर इसके आइकॉन पर क्लिक करके कोड सैंड करने को कहती थी। वह अफसरों को वहां बात करने के लिए कहती थी। उसका कहना था कि यह एक चैट एप है, जो यू.के. में इस्तेमाल किया जाता है। इस मामले की जांच को देख रहे एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने बताया कि यह मालवेयर कम्युनिकेशन एप है। यह एक मालवेयर कमांड का इस्तेमाल करता है। इंस्टॉल करने के तुरंत बाद यह मालवेयर यूजर को एक कोड डालने को कहता है। इसके बाद यह कम्प्यूटर के ई-मेल्स और डाऊनलोड्स में सभी फाइलों को तुरंत स्कैन करता है। इसके बाद ये सभी फोटोग्राफ, एम.एस. वर्ड, एम.एस. एक्सल के एंक्रिप्शन को वैरिफाई करके उनके पासवर्ड का एक्सैस पा लेता है और फिर उन्हें भी स्कैन कर लेता है। 

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अभी कईं अधिकारियों का होगा पर्दाफाश
हनी ट्रैप के परंपरागत तरीकों की तुलना की जाए तो मालवेयर एक तीव्र और साफ-सुथरा बिना दुश्मन के शारीरिक खतरे के इस्तेमाल होता है। सेजल इसी सॉफ्टवेयर के जरिए एक साथ कई निशानों को लुभाने में कामयाब रही। सेना के खुफिया विंग ने यू.पी. की आतंकवाद विरोधी सक्वायड के साथ मिलकर ब्राह्मोस के सीनियर इंजीनियर निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार करते हुए ‘सेजल’ का पर्दाफाश किया। यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि अभी और कितने अधिकारियों का पर्दाफाश होगा जिन्होंने मालवेयर एप का इस्तेमाल किया क्योंकि मालवेयर पकड़े जाने से पहले कई सालों से काम कर रहा था। इसे ‘आइडिया ऑफ डेंजर’ मानते हुए फेसबुक ने स्वीकार किया है कि उसके 27 करोड़ अकाऊंट्स जाली हैं। इनमें से अधिकांश हनी ट्रैप से जुड़े अकाऊंट्स हैं। 
 

हनी ट्रैप का तरीका क्या है? 
एक रिपोर्ट के अनुसार एक युवा और सुंदर महिला कुछ ऐसा कह सकती है, ‘‘वाह, जय हिंद!’’ या ‘‘धन्यवाद।’’ बातचीत अंत में व्हाट्सएप के माध्यम से अंतरंग संदेशों को स्थानांतरित करती है। बाद में पता चलता है कि यह ऑनलाइन है।
 

भारत में पर्दाफाश कैसे हुआ
सुभाष भामरे ने बताया कि 2015 में हनी ट्रैप के दो मामले और 2017 में एक-दो मामले सामने आए। भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2015 में एक मामला दर्ज किया, जबकि नौसेना ने कोई रिपोर्ट नहीं की। नतीजतन सलाह जारी की गई। सूत्रों के मुताबिक सैन्य खुफिया विभाग संवेदनशील क्षेत्रों में अधिकारियों और सैनिकों के फोन, लैपटॉप और डैस्कटॉप पर चयनात्मक जांच कर रहा है। सेना ने हनी-ट्रैप मामलों को सीमा पार दुश्मन द्वारा छेड़े गए हाईब्रिड युद्ध के हथियार के रूप में वॢणत किया है। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर डंडा चलाया है। डूज और डॉन्ट्स की एक सूची तैयार की गई है। सेना मुख्यालय में एक सूचना युद्ध दल की स्थापना की जा रही है। संदिग्ध ट्विटर की पहचान भी कर ली गई है।
 

भारत क्या कर सकता है?
कई मापदंड हैं जिन्हें लागू किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए फैडरल ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टीगेशन (एफ.बी.आई.) एक ही अपराध के अपराधियों को पकडऩे के लिए नकली बाल पोर्नोग्राफिक साइट चलाता है। अन्य उपाय जो भारत ले सकता है उनमें वायरस की शुरूआती और बेहतर पहचान के लिए नवीनतम तकनीकों में निवेश शामिल है। साइबर जोखिमों से बचाव के लिए लगातार वर्कशॉप्स का आयोजन करना, सभी उपकरणों की समय पर समीक्षा और ऑडिट करना; सभी संवेदनशील डाटा और उपकरणों में निष्क्रिय मालवेयर एम्बेड करने के लिए एक कार्यप्रणाली विकसित करना जरूरी है। रक्षा साइबर एजैंसी को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। इसके अलावा ताजा भॢतयों के बीच सर्वोत्तम साइबर प्रथाओं का निर्माण किया जाना चाहिए। हत्यारे ड्रोन से लेकर साइबर हमले तक, आधुनिक युद्ध अधिक से अधिक फेसलैस होते जा रहे हैं। इसके अलावा पारंपरिक युद्ध के विपरीत, एक दुश्मन के क्षेत्र में प्रवेश करने की लागत और बाधा काफी कम हो गई है। 
 

हनी ट्रैप का इतिहास  
खुफिया तंत्र की दुनिया में सूचना प्रमुख मुद्रा है। सैक्स या इसका वादा हमेशा एक रहस्यमय विषय रहा है। दुनिया भर में सदियों से जासूस लोगों को अपने जाल में फंसाने और मूल्यवान जानकारी हासिल करने के लिए सैक्स इस्तेमाल करते आए हैं। कुछ साल पहले एम.आई. 5 ने ब्रिटिश बैंकों को चेतावनी देते हुए और चीनी ‘सैक्सपिएनेज’ के खतरे के खिलाफ एक मीमो जारी किया था। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सैलून किटी (एक बॢलन वेश्यालय) का जर्मन खुफिया सेवा के लिए उपयोग किया गया था। बॢलन की दीवार के गिरने से पहले पूर्वी जर्मनी ने पश्चिम जर्मनी में महत्वपूर्ण पदों पर महिलाओं को आकॢषत करने के लिए पुरुषों की भर्ती की। मैरीने क्वीरिन की पुस्तक करैक्टर स्तासी रोमियो की कहानी भी इसी का एक उदाहरण है। कुछ दस्तावेजों के अनुसार सोवियत संघ ने मास्को के दक्षिण पूर्व स्थित कजान में ‘ए स्टेट स्कूल-4’ को बुलाया था, जिसका काम अधिकारियों को हनी ट्रैप की ट्रेङ्क्षनग देना था।


डिजीटल हो गया है हनी ट्रैप 
आज हनी ट्रैप की प्रकृति बदल गई है। हनी ट्रैप डिजीटल हो गया है। किसी को फंसाने के तरीके बदल गए हैं। किसी को ऑनलाइन फंसाने के दो तरीके हैं। पहला है सोशल मीडिया प्रोफाइल के माध्यम से किसी के जीवन और उपकरणों को संक्रमित करना और दूसरा वयस्क साइटों पर किसी को ढूंढना और अपने फोन और कम्प्यूटर में मालवेयर इंजैक्ट करना है। रिपोटर््स के मुताबिक दुनिया की 20 सबसे ज्यादा देखी जाने वाली वैबसाइट्स में से 3 पोर्नोग्राफिक से जुड़ी साइट्स हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी मालवेयर का 25 प्रतिशत पोर्न-संबंधी है। 2017 के एक अध्ययन में पाया गया कि कोवकोर जी के रूप में जाना जाने वाला एक हैकर सामूहिक पोर्नहब साइट के लाखों उपयोगकत्र्ताओं को लक्षित कर रहा था। उन्हें अपने कम्प्यूटरों में वायरस स्थापित करने में धोखा दे रहा था। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि महिलाएं पुरुषों के समान हनी ट्रैप की चपेट में हैं।

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